अक्षय कुमार बोले, बच्चों को साइबर अपराध के बारे में बताना जरूरी.. ऑनलाइन गेम के दौरान उनकी बेटी से मांगे गए न्यूड फोटो

अक्षय कुमार ने बताया कैसे उनकी बेटी ऑनलाइन गेमिंग में साइबर शिकार बनी. CM फडणवीस ने साइबर सुरक्षा और जागरूकता पर जोर दिया.

Akshay Kumar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि उनकी बेटी को ऑनलाइन गेम खेलते समय यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. कुछ महीने पहले वह एक ऐसे ऑनलाइन गेम खेल रही थीं, जहां अजनबी खिलाड़ियों से बातचीत की जा सकती थी. शुरुआत में एक शख्स ने उनसे दोस्ताना अंदाज़ में चैटिंग की.

‘नाइस पर्सन’ से बदला बातचीत का लहजा
अक्षय कुमार ने कहा कि पहले वह व्यक्ति शालीन संदेश भेजता रहा जैसे थैंक यू, वेल प्लेड, फैंटास्टिक. वह सामान्य लग रहा था. लेकिन जैसे ही उसने मेरी बेटी से पूछा कि वह मेल है या फीमेल, और उसने फीमेल जवाब दिया, चैट का लहजा अचानक बदल गया. उस व्यक्ति ने नितारा से न्यूड तस्वीरें भेजने की मांग की.

बेटी की समझदारी से टला बड़ा खतरा
अक्षय ने बताया कि उनकी बेटी ने तुरंत गेम बंद कर दिया और अपनी मां को सब कुछ बता दिया. खुशकिस्मती से उसने हिचकिचाए बिना यह बात शेयर की. यह घटना दिखाती है कि कैसे साइबर अपराधी पहले भरोसा जीतते हैं और फिर बच्चों को फंसाने की कोशिश करते हैं, जो आगे चलकर ब्लैकमेल या आत्महत्या जैसी त्रासदी तक पहुंच सकती है.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अपील
इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साइबर अपराध की रिपोर्टिंग गोल्डन आवर यानी घटना के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1945 पर करनी चाहिए. ऐसा करने से साइबर फ्रॉड में खोया पैसा वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

बच्चों और युवाओं के लिए साइबर सुरक्षा अभियान
फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार स्कूल और कॉलेजों में साइबर अपराध पर जागरूकता अभियान चलाएगी. इसके लिए उन्होंने दो संसाधन लॉन्च किए. एक साइबर सुरक्षा पर बनी डॉक्यूमेंट्री और बच्चों के लिए तैयार की गई कॉमिक बुक ‘Cyber Warrior’.

डीपफेक और एआई धोखाधड़ी पर चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल धोखेबाज एआई तकनीक का इस्तेमाल कर डीपफेक, वॉइस क्लोनिंग और फेस क्लोनिंग जैसे तरीकों से लोगों को फँसा रहे हैं. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन में साझा की गई व्यक्तिगत जानकारी आसानी से गलत हाथों में जा सकती है, जिसका इस्तेमाल फ्रॉड, ब्लैकमेल और साइबर बुलिंग में होता है.

कार्यक्रम में शामिल रहे कई गणमान्य लोग
कार्यक्रम में अभिनेत्री रानी मुखर्जी, VJTI के डीन डॉ. फारूक़ काज़ी, IIT बॉम्बे के एसोसिएट प्रोफेसर मंकेश हनावाल, कई IAS और IPS अधिकारी मौजूद रहे. साइबर अपराध पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया.

 

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