कल तक करता था ड्राइवरी, अब पंचायत के विकास को देगा रफ्तार..... कहीं पीजी तो कहीं डबल एमए महिलाएं बनी ब्लॉक प्रमुख

विंदेश्वरी गत बीस वर्षों से जिले में ही वाहन पूर्व प्रमुख का वाहन चलाते थे. उरांव ने बताया कि उन्होंने सोचा नहीं था कि वे कभी प्रखंड के उप प्रमुख बनेंगे. विंदेश्वरी उरांव ने कहा कि वह प्रखंड में विकास को तरजीह देंगे और विकास योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे.

सर्टिफिकेट लेता विंदेश्वरी उरांव
सुजीत झा
  • पटना,
  • 31 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST
  • पूर्व प्रमुख के ड्राइवर विंदेश्वरी उरांव बने उप प्रमुख
  • सहरसा में पोस्ट ग्रेजुएट जूली बनी मुखिया
  • सोशल वर्क में एमए सुषमालता बनी मुखिया

वो कहते हैं न किसका पासा कब पलटेगा, किसी को नहीं पता. बिहार के पूर्णिया के विंदेश्वरी उरांव की कहानी इस बात को सच साबित करती है. दरअसल बिहार के पंचायत चुनावों का परिणाम आते ही पूरे पूर्णिया में विंदेश्वरी के चर्चे होने लगे. बिहार के पूर्णिया में एक स्कॉर्पियो ड्राइवर है जो उप प्रमुख के पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुआ है. वहीं कई जिलों में लोगों ने जाति-धर्म से इतर पढ़ी-लिखी महिलाओं को अपना प्रतिनिधि चुना है. सच कहें तो बिहार में संपन्न हुए इन पंचायत चुनावों में लोकतंत्र की खूबसूरती देखने को मिली है. 

पूर्व प्रमुख के ड्राइवर विंदेश्वरी उरांव बने उप प्रमुख

जिले के मोहनी पंचायत से चुनाव जीते पंचायत समिति सदस्य विंदेश्वरी उरांव अब ड्राइवरी नहीं करेंगे बल्कि प्रखंड के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे. विंदेश्वरी गत बीस वर्षों से जिले में ही वाहन पूर्व प्रमुख का वाहन चलाते थे. उरांव ने बताया कि उन्होंने सोचा नहीं था कि वे कभी प्रखंड के उप प्रमुख बनेंगे. विंदेश्वरी उरांव ने कहा कि वह प्रखंड में विकास को तरजीह देंगे और विकास योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे. स्थानीय लोगों ने कहा कि विंदेश्वरी अब प्रखंड में विकास की गाड़ी दौड़ाएंगे. आज निर्वाचन  पदाधिकारी राकेश रमन ने अपने कार्यालय में उरांव को उप प्रमुख का सर्टिफिकेट दिया.
 
सहरसा में पोस्ट ग्रेजुएट जूली बनी मुखिया

वहीं बिहार के सहरसा में एक पढ़ी लिखी युवती पर लोगों ने विश्वास जताते हुए उसे मुखिया बनाया है. गुरुवार को आए रिजल्ट में कटैया प्रखंड के विशुनपुर पंचायत की महिला मुखिया जूली कुमारी ब्लॉक प्रमुख बनी हैं. जूली ने अपने प्रतिद्वंदी मुखिया अरविंद यादव को भारी मतों से हराकर जीत दर्ज की है. जूली पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ी लिखी हैं और पंचायत की महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने में विश्वास रखती हैं. जूली ने पंचायत के सभी लोगों तक विकास पहुंचाने का वादा किया है और भ्रष्टाचार पर प्रहार करने की बात कही है. पंचायत के लोग पढ़ी लिखी मुखिया मिलने से काफी खुश हैं.

सोशल वर्क में एमए सुषमालता बनी मुखिया

वहीं भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के दांवा पंचायत में सोशल वर्क में इग्नू से एमए कर चुकी सुषमालता पंचायत की मुखिया बनी हैं. सुषमा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. सुषमा ने अपने पहले कार्यकाल में पंचायत की महिलाओं को स्वाबलंबी बनाया है और उन्हें घरेलू हिंसा से आजादी देकर रोजगारपरक बनाने में योगदान दिया है.


 

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