मध्यप्रदेश : 70 साल बाद भारत में एक बार फिर गूंजेगी चीतों की दहाड़ ! इस नेशनल पार्क में हो रही तैयारी

मध्यप्रदेश के श्योपुर का कूनो नेशनल पार्क अब अफ्रीकन चीतों की अगवानी के लिए तैयार है. देश में 70 साल बाद एक बार फिर चीतों की दहाड़ गूंजेगी. 1952 में भारत से चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था.

कूनो नेशनल पार्क में दौड़ते नजर आएंगे चीते
gnttv.com
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  • 01 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST
  • कूनो नेशनल पार्क में दौड़ते नजर आएंगे चीते

भारत में 74 साल पहले यानी 1948 में आखिरी बार भारत में चीते दिखे थे औऱ 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था लेकिन, विलुप्त हो चुके चीते एक बार फिर से देश की धरती पर दौड़ते नजर आएंगे. जल्द ही मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से चीतों को लाकर बसाया जा रहा है, जिसकी तैयारियां अंतिम चरणों में है. 

बता दें कि, मध्यप्रदेश के श्योपुर में दो दशक पहले गिर के एशियाई शेरों को बसाने के लिए विकसित किए गए कूनो नेशनल पार्क में अब जल्द ही अफ्रीकन चीते आने वाले हैं. कुछ ही दिनों में यहां अफ्रीका से लाकर चीते छोड़े जाएंगे. चीता लाए जाने के लिए भारत और नामीबिया सरकार के बीच करार होने के बाद श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में सरगर्मी बढ़ गई है.

पिछले दो सालों से तैयारियां जारी 

इस नेशनल पार्क में चीतों को बसाने की तैयारियां यू तो पिछले दो साल से चल रही हैं लेकिन, अब कूनो प्रबंधन ने चीतों को नए घर में रखने के लिए फायनल टच दे दिया है. चीतों को यहां लाए जाने के बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज किया जाएगा. 

यानी करीब एक महीने तक चीतों को विशेष तौर पर बनाए गए एनक्लोजर के अंदर एकांतवास में रखा जाएगा. इससे चीते आसानी से यहां के वातावरण के अनुसार ढल सकेंगे. श्योपुर का कूनो पालपुर अभयारण्य लंबे समय से नये मेहमानों का इंतजार कर रहा था लेकिन, योजना अब तक परवान नहीं चढ़ सकी अब अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. 

5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का बाड़ा 

चीतों के लिए 5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का बाड़ा बनाया गया है. इसके चारों ओर करीब नौ फीट ऊंची जालीदार फेंस बनाई गई है और ऊपरी हिस्से में बिजली के तार गए हैं. बाड़े में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी. आपको बता दें कि कूनो पालपुर नेशनल पार्क 750 वर्ग किमी में फैला है जो कि 6,800 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है. 

मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, जसबीर सिंह चौहान ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि यह एक ऐतिहासिक पल है जब चीतों को दोबारा भारत लाया जा रहा है. पहले एशियन चीतों को ही कूनो में बसाने की योजना थी लेकिन ईरान में उनकी सीमित संख्या को देखते हुए अफ्रीका के चीतों को अब कूनो लाया जा रहा है. 

(रवीश पाल सिंह/खेमराज दुबे, श्योपुर)

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