UP Election 2022: कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं डॉ प्रियंका मौर्या, समाज सेवा से बनाई पहचान, टिकट नहीं मिलने से थीं नाखुश

UP Election 2022 Updates: बहुत ही उम्मीदों से कांग्रेस ने इस बार महिला शक्ति के दम पर इलेक्शन लड़ने का अभियान शुरू किया था. उनके अभियान का नारा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं…’ बहुत जगह मशहूर हो रहा है. लेकिन इस कैंपेन के लिए प्रियंका गांधी ने पार्टी की जिन कार्यकर्ता को अपना चेहरा बनाया था, उन्होंने दल ही बदल लिया है. कांग्रेस की पोस्टर गर्ल डॉ प्रियंका मौर्या बीजेपी में शामिल हो गई हैं. आखिर कौन हैं यह ‘पोस्टर गर्ल’ डॉ. प्रियंका मौर्या. जिन्होंने कांग्रेस को छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. 

Dr Priyanka Maurya left Congress to join BJP
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 20 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST
  • होम्योपैथिक डॉक्टर हैं प्रियंका मौर्या
  • सोशल वर्कर के तौर पर भी है पहचान
  • टिकट नहीं मिलने से थीं नाखुश

उत्तर प्रदेश में विधानसभा इलेक्शन 2022 हर दिन एक नया मोड़ ले रहे हैं. पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल हुईं और अब कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्या ने पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी के पाले में चली गई हैं.

बहुत ही उम्मीदों से कांग्रेस ने इस बार महिला शक्ति के दम पर इलेक्शन लड़ने का अभियान शुरू किया था. उनके अभियान का नारा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं…’ बहुत जगह मशहूर हो रहा है. लेकिन इस कैंपेन के लिए प्रियंका गांधी ने पार्टी की जिन कार्यकर्ता को अपना चेहरा बनाया था, उन्होंने दल ही बदल लिया है. कांग्रेस की पोस्टर गर्ल डॉ प्रियंका मौर्या बीजेपी में शामिल हो गई हैं. 

बहुत से लोगों के दिलों में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कौन हैं यह ‘पोस्टर गर्ल’ डॉ. प्रियंका मौर्या. जिन्होंने कांग्रेस को छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. 

होम्योपैथिक डॉक्टर हैं प्रियंका मौर्या: 

लखनऊ में रहने वाली डॉ. प्रियंका मौर्या पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर हैं. और पिछले छह सालों से भी ज्यादा समय से अपना खुद का होम्योपैथी क्लिनिक चला रही हैं. ग्वालियर में जीवाजी यूनिवर्सिटी से होम्योपैथिक मेडिसिन और सर्जरी में बैचलर्स की डिग्री लेने वाली प्रियंका ने आज़मगढ़ के जनता होम्यो क्लिनिक में भी तीन साल तक अपनी सेवाएं दी हैं. 

प्रियंका के पिता रामबृक्ष मौर्या भी आज़मगढ़ में एक मशहूर सीनियर होम्योपैथिक डॉक्टर हैं. अपने पिता की राह पर चलते हुए ही प्रियंका ने होम्योपैथी में डिग्री ली. लेकिन एक डॉक्टर होने के साथ-साथ प्रियंका सामाजिक कार्यों और राजनीती में भी सक्रिय हैं. वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. 

सोशल वर्कर के तौर पर भी है पहचान: 

अपना क्लिनिक चलाने के साथ-साथ डॉ प्रियंका सामाजिक कार्यों में भी काफी एक्टिव रहती हैं. वह भारतीय रोटी बैंक और हेल्प इंडिया राइजिंग फाउंडेशन जैसे एनजीओ से जुड़ी हुई हैं. उनका उद्देश्य देश से भुखमरी को खत्म करना है. 

इन सामाजिक संगठनों के जरिये डॉ प्रियंका जरूरतमंदों की हर तरह से मदद कर रही हैं. कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दिनों में उन्होंने गरीब लोगों तक मुफ्त मेडिकल हेल्प पहुंचाई. इसके अलावा वह ब्लड डोनेशन कैंप लगवाने से लेकर स्वच्छता, न्यूट्रिशन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने में भी जुटी हुई हैं. 

कांग्रेस की ‘पोस्टर गर्ल’ बनीं:

अपने सामाजिक कार्यों के कारण डॉ प्रियंका लोगों में काफी मशहूर हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके पांच लाख से भी ज्यादा फॉलोवर्स हैं. साल 2019 से डॉ प्रियंका कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई हैं. पहले वह भारतीय युवा कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी थीं और तीन महीने पहले वह उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस की वाईस-प्रेजिडेंट बनी थीं. 

प्रियंका का लोगों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार, मिलनसार स्वभाव, और आगे बढ़ने की ललक को देखते हुए कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी के महिलाओं के लिए घोषणापत्र "शक्ति विधान" के कवर पेज पर आने के लिए वह एक आदर्श उम्मीदवार थीं. और शायद इसलिए ही प्रियंका गांधी ने उन्हें ‘पोस्टर गर्ल’ के रूप में चुना.

टिकट नहीं मिलने से थीं नाखुश: 

लेकिन जिसके चेहरे के दम पर पार्टी ने अपना अभियान शुरू किया, उसी चेहरे को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दी गई. बताया जा रहा है कि डॉ प्रियंका मौर्या और उनके साथी आश्वस्त थे कि इस बार उन्हें विधानसभा चुनाव की टिकट मिलेगी.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डॉ. प्रियंका का कहना है कि वह कई सालों से पार्टी से जुड़ी हैं और काम कर रही हैं. सब कुछ तय होने बावजूद मात्र एक महीने पहले पार्टी में शामिल हुए दूसरे नेता को टिकट दे दिया गया. लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला.

उनका कहना है कि वह रिश्वत नहीं दे सकतीं इसलिए वह इलेक्शन नहीं लड़ सकती हैं. इसी कारण वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई हैं.

 

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