Gwalior: अपने विधानसभा क्षेत्र के नाम की वजह परेशानी में पड़ जाते हैं कांग्रेसी विधायक, जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश में एक कांग्रेस विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने की मांग कर डाली. कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार अपने विधानसभा क्षेत्र के नाम से परेशान हैं. उनका कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र का नाम ग्वालियर पूर्व है. लेकिन कई बार उनको पूर्व विधायक समझ लिया जाता है.

MLA Satish Sikarwar
gnttv.com
  • ग्वालियर,
  • 09 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

मध्य प्रदेश में एक अजीब मामला सामने आया है. कांग्रेस के एक विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने की मांग कर डाली. लेकिन सबसे दिलचस्प उनके इस डिमांड के पीछे की वजह है. नाम बदलने की जो वजह है, वो काफी अनोखी है. कांग्रेस विधायक डॉ. सतीश सिकरवार ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से आग्रह किया है कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा का नाम बदला जाए. उनका कहना है कि अक्सर लोग उन्हें ‘पूर्व विधायक’ कह देते हैं, जबकि वे वर्तमान विधायक हैं. नाम की इसी ग़लतफ़हमी से उन्हें व्यक्तिगत और सार्वजनिक आँचलिक समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं.

मैं पूर्व विधायक नहीं, मेरे क्षेत्र का नाम पूर्व है- सतीश
कुछ दिन पहले, राजस्थान के एक टोल प्लाज़ा पर विधायक सतीश सिकरवार को कार्ड दिखाने को कहा गया और कार्ड दिखाने पर सामने वाले ने कहा कि पूर्व विधायक का कार्ड मत दिखाओ. इसपर उन्होंने कहा कि मैं पूर्व विधायक नहीं हूँ, मेरी विधानसभा का नाम ग्वालियर पूर्व है. मंच पर बोलते हुए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि जब विधानसभाओं के नाम बदले जाते हैं, तो मेरी विधानसभा का नाम भी बदलवाया जाए. इससे मुझे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 

ये कार्यक्रम ग्वालियर के साइंस कॉलेज में था, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे.

इससे आम जनता में भ्रम बढ़ता है- सतीश 
ग्वालियर पूर्व विधायक सतीश सिकरवार ने कहा कि यह मामला सिर्फ नामकरण की समस्या नहीं है. यह एक पहचान और सार्वजनिक संवाद की समस्या भी है. जब मीडिया, पोस्टर, बैनर तक ‘पूर्व विधायक’ कहें, तो आम जनता में भ्रम बढ़ता है.

अगर नाम बदला जाए, तो शायद इस भ्रम को हटाया जा सके. लेकिन इस मांग को मिलने वाली प्रतिक्रिया, विधायी प्रक्रिया और प्रशासनिक स्वीकृति को देखना बाकी है. हम देखेंगे कि क्या विधानसभा अध्यक्ष और सरकार इस मांग को गंभीरता से लेती है या इसे राजनीति की चाल कहा जाएगा.

(सर्वेश पुरोहित की रिपोर्ट)

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