Delhi Government: घंटों की बारिश के बाद भी चंद मिनट में दिल्ली की सड़कों से कैसे गायब हो गया पानी, क्या थी सीएम रेखा गुप्ता की तैयारी

दिल्ली में गुरुवार को सुबह झमाझम बारिश से हुई. इसके बावजूद लोगों को सड़कों पर जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ा. ऐसा रेखा गुप्ता सरकार की मॉनसून पूर्व तैयारियों के कारण हो पाया. आइए जानते हैं बीजेपी सरकार ने ऐसी क्या तैयारी कर रखी थी?  

Rain in Delhi
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:31 AM IST

गुरुवार को सुबह झमाझम बारिश से हुई. दिल्लीवालों अपने घरों से दफ्तरों के लिए जब निकले तो उनको उम्मीद थी कि इस बारिश के चलते उनको सड़कें पानी से लबालब और हर बार की तरह ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ेगा. खासकर दिल्ली के उन 32 प्वाइंट्स पर जहां अक्सर बारिश के दौरान वॉटर लॉगिंग होती है. अंडरपास में पानी से भर जाता है. सबसे ज्यादा जिन रास्तों पर भारी ट्रैफिक होता है, वहां पर पानी भरने से लोग को घंटों जाम से जूझना पड़ता है, लेकिन गुरुवार को जब दिल्ली वाले अपने दफ्तरों के लिए निकले तो उनको आईटीओ, मिंटो ब्रिज, जखीरा, आजाद मार्केट जैसे मेन प्वाइंट्स पर ना तो वॉटर लॉगिंग मिली न ही ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ा. ऐसा नहीं है कि सड़कों पर वॉटर लॉगिंग न हुई हो, भारी बारिश के चलते सड़कें पानी से लबालब तो हुईं लेकिन इन सड़कों पर जो पानी दो-दो दिन तक भरा रहता था, वह चंद मिनटों में ही सड़कों से गायब हो गया. इसके कारण लोगों को वॉटर लॉगिंग का सामना कम करना पड़ा. 

क्या थी सरकार की तैयारी
मॉनसून आने से पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी. खुद सड़कों पर उतरकर उन लोकेशंस का दौरा किया था, जहां बारिश में जलजमाव होता था. सीएम रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी हालत में बारिश में सड़कों पर जलमाव न हो, इसका ध्यान रखें. इसके अलावा सरकार ने दिल्ली के बड़े नालों की सफाई का काम तेजी से किया लेकिन छोटे नालों का ड्रेन सिस्टम बेहतर न होने के चलते पहली बारिश में दिल्ली में जलभराव हुआ. जलजमाव कि तस्वीरें सामने आने के बाद रेखा गुप्ता सरकार ने अधिकारियों को समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए. खुद दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा भी सड़कों पर नजर आए. सरकार की तरफ से दिल्ली के उन तमाम 32 प्वाइंट्स को मॉनिटर किया गया और उन पर बड़े-बड़े वाटर पंप लगाए गए. सड़कों पर भरे पानी को  बड़े नालो में शिफ्ट किया गया.

सरकार ने पहली बार तैयार किया वॉर रूम 
रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली में वाटर लॉगिंग न हो इसके लिए वॉर रूम भी तैयार किया. दिल्ली के अलग-अलग प्वाइंट्स की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की गई. इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी उन कॉलोनी में सरकार ने नजर रखी, जहां लोग वॉटर लॉगिंग से जूझते हैं.

आखिर आईटीओ पर क्यों नहीं भरा पानी 
आईटीओ चौक जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है, सरकार की तरफ से दोनों तरफ आईटीओ से लुटियंस जोन की तरफ जाने वाले रास्ते पर और आईटीओ से राजघाट जाने वाले रास्ते पर वाटर पंप लगाए गए हैं. 6 महीने में रेखा गुप्ता सरकार ने आईटीओ पर नए नाले का निर्माण किया. इसके कारण आईटीओ पर वाटर लॉगिंग इस बार नजर नहीं आई.

PWD और MCD के कर्मचारी सड़कों पर आए नजर 
रेखा गुप्ता सरकार ने कई बार अधिकारियों संग बैठक की. इस बैठक में पीडब्ल्यूडी और एमसीडी के तमाम कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए कि जिन इलाकों में वॉटर लॉगिंग होती है वहां पर सफाई कर्मचारी तुरंत साफ सफाई करें. यही वजह थी कि दिल्ली के बड़े-बड़े रोड पर PWD के कर्मचारी नजर आए.

ऐसा नहीं है कि दिल्ली के किसी भी इलाके में पानी नहीं भरा, लेकिन जहां पानी भरा वो भी महज आधे  घंटे मे निकल गया. साउथ दिल्ली का एम्स अंडर पास हो या फिर कालकाजी या जाकिर हुसैन मार्ग, इन रास्तों पर पानी भरा लेकिन 30 से 45 मिनट में यह पानी सड़कों से गायब हो गया. हालांकि रेखा गुप्ता सरकार का मानना है कि वॉटर लॉगिंग तब माना जाता है जब 4 से 5 घंटे तक सड़कों पर पानी भरा रहे और उसकी निकासी न हो. दरअसल, इस बार सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर नालों की सफाई हुई है. इसके चलते इस बार दिल्ली में पिछली सरकारों के मुकाबले वॉटर लॉगिंग कम नजर आई.

(सुशांत मेहरा की रिपोर्ट)

 

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