राष्ट्र ध्वज को पोशाक के रूप में पहनना है गैरकानूनी, जानें देश के ध्वज से जुड़ी कुछ बेहद जरूरी बातें जो हर भारतीय को पता होनी चाहिए 

देश इस बार आजादी का 75वां साल मना रहा है. इसी उपलक्ष्य में भारत आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है. पूरे देश में 'हर घर तिंरगा'अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत देशभर में 13 से 15 अगस्त तक हर घर में तिरंगा फहराया जा रहा है.

National Flag
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST
  • कोई भी ध्वज तिरंगा से ऊपर नहीं लगा होना चाहिए 
  • झंडा जितना चाहे जितना बड़ा या छोटा हो सकता है

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. देश में 75वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने की तैयारी चल रही है. इस बीच शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों के घरों के ऊपर तिरंगा लहरा रहा है. ऐसे में खुदरा विक्रेताओं में भी झंडे की अधिक बिक्री देखी जा रही है. इसका उद्देश्य देशभक्ति का संदेश फैलाना है, हालांकि बहुत से लोग हैं जो ये नहीं जानते हैं कि तिरंगा फहराने या प्रदर्शित करने के कई नियम हैं. ये निर्देश भारतीय ध्वज संहिता 2002 में बताए गए हैं.  

राष्ट्रीय ध्वज किसे और किस दिन फहराने की अनुमति होती है?

दरअसल, इसके लिए भारतीय ध्वज संहिता है, जिसे 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था. इसके पैरा 2.2 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, संगठन, निजी या सार्वजनिक, या शैक्षणिक संस्थान (स्काउट शिविरों सहित) सभी दिनों या अवसरों पर तिरंगा फहरा सकते हैं. इस दौरान  राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान का ख्याल रखना जरूरी है. 

कैसा होना चाहिए झंडा?

झंडा जितना चाहे जितना बड़ा या छोटा हो सकता है. लेकिन राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए. 

इसलिए, तिरंगा हमेशा वर्गाकार या किसी अन्य आकार के बजाय आयताकार होना चाहिए.  30 दिसंबर, 2021 को एक संशोधन के बाद, ध्वज की सामग्री को हाथ से बना या मशीन से बना होना चाहिए, जिसमें कपास, पॉलिएस्टर, ऊन, रेशम या खादी बंटिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर झंडा खुले में या किसी सदस्य के घर पर रखा जाता है, तो उसे दिन-रात फहराया जा सकता है.

क्या होगा अगर आपका ध्वज क्षतिग्रस्त हो गया है? 

क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करना नियमों के विरुद्ध है. हर समय, राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान की स्थिति में ही फहराना चाहिए. और तिरंगे को बहुत ध्यान से रखा जाना चाहिए. 
 
कोई भी ध्वज तिरंगा से ऊपर नहीं लगा होना चाहिए 

कोई भी दूसरा ध्वज राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर या बराबर में नहीं लगा होना चाहिए. इसके अलावा न ही कोई फूल या माला, या प्रतीक सहित कोई वस्तु ध्वजारोहण पर या उसके ऊपर रखी जाएगी. तिरंगे का उपयोग कभी भी उत्सव, रोसेट, बंटिंग या सजावट के उद्देश्य से नहीं किया जाना चाहिए. जिस पोल पर तिरंगा लगा है उसपर कोई अन्य विज्ञापन नहीं लगाया जाना चाहिए. 

क्या राष्ट्र प्रेम के प्रदर्शन में तिरंगा पहनना ठीक है?

एक व्यक्ति को पोशाक या वर्दी के एक हिस्से के रूप में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करने के लिए कानून द्वारा मना किया गया है. इसे व्यक्ति द्वारा कमर के नीचे पहनने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. न ही इसे कढ़ाई या कुशन, रूमाल, नैपकिन, अंडरगारमेंट्स या किसी ड्रेस सामग्री पर मुद्रित किया जाना चाहिए. 

क्या इसे वाहनों पर लगाया जा सकता है?

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा किसी भी वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जा सकता है. झंडे का इस्तेमाल किसी भी वाहन के किनारे, पीछे और ऊपर को ढंकने के लिए भी नहीं किया जाना चाहिए. 

स्वतंत्रता दिवस के बाद आपको तिरंगे का क्या करना चाहिए?

तिरंगे को इस तरह से नहीं रखना चाहिए कि वह गंदा या खराब हो जाए. यदि आपका ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो ध्वज संहिता के मुताबिक, आप इसे एक तरफ न फेंके या इसका अनादर न करें, इसे पूरी तरह से निजी तौर पर नष्ट कर दें. जलाकर या ध्वज की गरिमा के अनुरूप किसी भी तरीके से आप इस काम को कर सकते हैं.

जो लोग कागज से बने झंडे लहरा रहे हैं, उन्हें समारोह के बाद उन्हें जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए. झंडे को जमीन या फर्श न छूने दें.

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झंडे का अनादर करने की सजा क्या है?

राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अनुसार, जो कोई भी सार्वजनिक स्थान पर या किसी अन्य स्थान पर तिरंगा का अपमान करता है, फिर चाहे शब्दों से या लिखकर, उसे तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है. 

 

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