President Election: जब सुप्रीम कोर्ट में हाजिर हुए राष्ट्रपति वीवी गिरी, जानिए सर्वोच्च अदालत ने उनके सम्मान में क्या विशेष व्यवस्था की थी

VV Giri: वीवी गिरी देश के इकलौते ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनको कोर्ट में हाजिर होना पड़ा. साल 1969 में वीवी गिरी देश के राष्ट्रपति बने और उनके निर्वाचन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस मामले में वीवी गिरी को कोर्ट में हाजिर होना पड़ा. इतना ही नहीं, वीवी गिरी इकलौते राष्ट्रपति भी है, जो निर्दलीय चुनाव लड़कर इस पद पर पहुंचे हैं.

राष्ट्रपति वीवी गिरी
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST
  • देश के इकलौते राष्ट्रपति, जो कोर्ट में हुए हाजिर
  • साल 1970 में सुप्रीम कोर्ट में हुए थे हाजिर
  • राष्ट्रपति चुनाव में उनके निर्वाचन को दी गई थी चुनौती

देश के सामने एक मौका ऐसा भी आया था, जब राष्ट्रपति को अदालत में हाजिर होना पड़ा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति का बयान दर्ज करने के लिए कमिश्नर नियुक्त किया था. लेकिन राष्ट्रपति ने खुद अदालत में हाजिर होने की इच्छा जताई थी. इसके बाद राष्ट्रपति अदालत में हाजिर हुए. हालांकि इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने उनके सम्मान में कोई कमी नहीं रहने दी. देश की सर्वोच्च अदालत में राष्ट्रपति के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी.

वीवी गिरी के खिलाफ याचिका-
24 अगस्त 1969 को वीवी गिरी देश के चौथे राष्ट्रपति बन गए. चुनाव में वीवी गिरी ने नीलम संजीव रेड्डी को हराया था. चुनाव में वीवी गिरी की जीत को अदालत में चुनौती दी गई. उनके खिलाफ याचिका दायर की गई. याचिका में कहा गया कि गिरी ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल किया है. हालांकि ये सबकुछ होते-होते वीवी गिरी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली थी और वो देश के सबसे ऊंचे पद पर थे. हालांकि कोर्ट ने मामला खारिज कर दिया. लेकिन राष्ट्रपति वीवी गिरी को कोर्ट में हाजिर होना पड़ा. वीवी गिरी इकलौते शख्स हैं, जो निर्दलीय चुनाव लड़कर राष्ट्रपति बने हों. इसके साथ ही कोर्ट में हाजिर होने वाले भी इकलौते राष्ट्रपति हैं.

अदातल में राष्ट्रपति के लिए विशेष व्यवस्था-
साल 1970 में राष्ट्रपति वीवी गिरी अदालत में हाजिर हुए. वीवी गिरी अपना बयान दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हाजिर हुए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति का बयान दर्ज करने के लिए कमिश्नर बहाल किया था और वो राष्ट्रपति भवन में जाकर उनका बयान दर्ज कर सकता था. लेकिन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होने की इच्छा प्रकट की. इसके बाद राष्ट्रपति कोर्ट में हाजिर हुए. हालांकि जब राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट में हाजिर हुए तो उनके पद की गरिमा का ख्याल रखा गया. कोर्ट ने वीवी गिरी के बैठने की सम्मानजनक व्यवस्था की गई. उनके लिए अलग से सोफानुमा बड़ी कुर्सी लगाई गई थी. जिसपर बैठकर राष्ट्रपति ने अपना बयान दर्ज कराया.

कौन थे वीवी गिरी-
वीवी गिरी निर्दलीय चुनाव लड़कर राष्ट्रपति बनने वाले इकलौते राष्ट्रपित हैं. इससे पहले वो उपराष्ट्रपति के पद पर थे. हालांकि उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा. वीवी गिरी 10 अगस्त 1894 को तेलुगु परिवार में पैदा हुए थे. वीवी गिरी की शादी सरस्वती बाई से हुई और उनके 14 बच्चे थे. गिरी ने आयरलैंड के डबलिन से कानून की पढ़ाई की. इसके बाद कांग्रेस की राजनीति करने लगे. गिरी 10 से ज्यादा वक्त तक ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महासिचव रहे. नेहरू की पहली कैबिनेट में वीवी गिरी लेबर मिनिस्टर बनाए गए. साल 1957 में गिरी को यूपी का राज्यपाल बनाया गया. जबकि साल 1960 में केरल के गवर्नर बनाए गए. वीवी गिरी 13 मई 1967 को उपराष्ट्रपति बन गए. साल 1974 में वीवी गिरी को भारत रत्न से नवाजा गया था.

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