विकास के राजमार्ग: अब देश में निजी कंपनियां बनाएंगी हाईवे ! भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश

राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना (National Highway Project)की ग्राउंड रिपोर्ट से लेकर रखरखाव यानी मरम्मत के काम करने का जिम्मा भी एक किसी निजी कंसलटेंट कंपनी का होगा.

अब देश में निजी कंपनियां बनाएंगी हाईवे
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST
  • निजी कंसलटेंट कंपनी का होगा मरम्मत का भी काम

अब देशभर में निजी कंपनियां ही नेशनल हाईवे बनाएंगी. सरकार ने दशकों पुरानी नेशनल हाईवे निर्माण नीति में बदलाव किया है. सरकार का कहना है कि देश में सुरक्षित, मजबूत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाले राजमार्ग के निर्माण की जिम्मेदारी अब रीजनल ऑफिसर यानी क्षेत्रीय अधिकारियों की होगी. 

राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की ग्राउंड रिपोर्ट यानी प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने से लेकर राजमार्ग के निर्माण देखरेख और रखरखाव यानी मरम्मत के काम करने का जिम्मा भी एक किसी निजी कंसलटेंट कंपनी का होगा. सरकार का दावा है कि इस बदलाव से राजमार्ग का निर्माण तेजी से होगा, क्योंकि फैसले तेजी से लिए जाएंगे.  

भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश 

एक कंपनी की जिम्मेदारी होने से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा, क्योंकि, विशेषज्ञों की टीम निर्माण कार्य पर निगरानी रखेंगी. राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक मौजूदा व्यवस्था में 300 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाली परियोजना को मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ती है. इसके बाद निविदा जारी कर राजमार्ग निर्माण का ठेका किसी कंपनी को दिया जाता है.

समय और लागत कम लगेगी 

वहीं, फ्री फैसिलिटी रिपोर्ट और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर और पर्यवेक्षण निगरानी के लिए अलग-अलग कंसलटेंट कंपनियां होती हैं. मल्टी विंडो सिस्टम होने से इस परियोजना में देरी और अलग-अलग कानूनी दांव पेंच लगते रहते हैं. इससे न केवल समय ज्यादा लगता है बल्कि लागत भी बढ़ती है.

क्षेत्रीय अधिकारी और चीफ इंजीनियरों का होगा अधिकार

इससे निपटने के लिए मंत्रालय के दिशा निर्देशों के मुताबिक सभी राज्यों में तैनात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी और चीफ इंजीनियरों को अधिकार दिया गया है कि वह परियोजनाओं के लिए पारदर्शी तरीके से निविदाएं यानी बोली आमंत्रित कर उनका मूल्यांकन करें. उन्हें निविदाएं स्वीकार करने के अधिकार भी दिए गए हैं. मंत्रालय के नए दिशा नर्देशों के मुताबिक हर एक परियोजना प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंसी के नेतृत्व में आगे बढ़ेगी. 

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