पूरे देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर झंडा फहराएंगे. लाल किले और चांदनी चौक इलाके में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. 800 से अधिक हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं.
तीन कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां से पूरे इलाके की लाइव मॉनिटरिंग हो रही है. इन कैमरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कैमरे फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस हैं, जो संदिग्धों की पहचान कर सकते हैं. 300000 से अधिक अपराधियों और आतंकियों का डेटाबेस तैयार किया गया है.
सात लेयर सुरक्षा व्यवस्था
लाल किले के गेट पर सात लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है. हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर लगाए गए हैं. हर व्यक्ति की जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि हर एंट्री गेट पर फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं, जो संदिग्धों की पहचान कर तुरंत अलार्म बजाते हैं.
स्नाइपर और ऐंटी ड्रोन सिस्टम
लाल किले के आसपास के इलाके में स्नाइपर और ऐंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं. ऊंचाई पर मचान बनाए गए हैं, जहां हथियारबंद जवान हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं. पुलिस ने बताया कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में संदिग्धों की पहचान के लिए विशेष पोस्ट बनाए गए हैं.
चांदनी चौक में सुरक्षा और सत्यापन
चांदनी चौक बाजार, जो लाल किले के ठीक सामने स्थित है में दुकानदारों और कर्मचारियों का पहले ही सत्यापन किया जा चुका है. अंतिम रिहर्सल के बाद दुकानों की जांच कर उन्हें सील कर दिया गया है. 15 अगस्त तक बाजार बंद रहेगा. पुलिस ने कहा कि किसी अनजान व्यक्ति की तुरंत पहचान की जा सकती है.
पंजाब और राजस्थान में ऑपरेशन अलर्ट
पंजाब में 550 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने ऑपरेशन अलर्ट शुरू किया है. जवान घोड़ों, गाड़ियों और पैदल गश्त के जरिए हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं. पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेजने की कोशिशों को रोकने के लिए अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन स्क्वाड तैनात किए गए हैं.
बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि हमने डोमिनेशन को और ज्यादा इंटेंस कर दिया है। एक्स्ट्रा पेट्रोलिंग और एंटी-ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. राजस्थान में भी 1000 किलोमीटर लंबी सीमा पर ऑपरेशन अलर्ट 11 अगस्त से शुरू हुआ है, जो 17 अगस्त तक चलेगा. गंगानगर की सीमा पर ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजने की कोशिशों को रोकने के लिए जवानों को खास निर्देश दिए गए हैं. ऊंटों और पैदल गश्त के जरिए रेतीले इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई है.