राजस्थान के टोंक जिले से एक साहसिक और भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम ने बीती रात एक चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देकर 11 लोगों की जान बचाई. यह घटना टोंक और सवाई माधोपुर की सीमा पर बहने वाली ढील नदी में हुई, जो भारी बारिश के बाद उफान पर थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीते सोमवार की रात लगातार बारिश के कारण ढील नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया. नदी के बीच बसे जीवली गांव के पास एक टीले पर दो परिवार रह रहे थे, जो चारों ओर से बाढ़ के पानी में घिर गए. उस समय टीले पर फंसे 11 लोगों में 5 पुरुष, 5 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल थे.
परिवारों ने जैसे-तैसे मोबाइल फोन के जरिए मदद की गुहार लगाई. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए SDRF की टीम को मौके पर भेजा. पानी का बहाव तेज था, रात का अंधेरा और लगातार बारिश, ये सभी हालात रेस्क्यू ऑपरेशन को बेहद कठिन बना रहे थे.
टॉर्च की रोशनी बनी जीवन की उम्मीद
SDRF की टीम के पास जब टीले की सही लोकेशन नहीं थी, तब वहां फंसे लोगों ने टॉर्च जलाकर संकेत दिया, जिससे टीम को रास्ता दिखा और वे नाव के जरिए उस टीले तक पहुंच सके. टीम ने सभी को लाइफ जैकेट पहनाई और एक-एक कर नाव में बैठाकर सुरक्षित किनारे तक लाया.
SDRF का साहसिक प्रयास
SDRF टीम प्रभारी राजेंद्र गुर्जर ने बताया कि "अंधेरे में तेज बारिश और नदी की तेज धार चुनौतीपूर्ण जरूर थी, लेकिन हमारी टीम ने संयम और साहस से काम लिया. किसी की जान न जाए, यही हमारा उद्देश्य था. सभी 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना राहत की बात है."
प्रशासन और SDRF की सतर्कता से टली बड़ी अनहोनी
यह ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि आपदा के समय SDRF जैसी टीमों की मौजूदगी कितनी अहम होती है. यदि थोड़ी सी भी देर होती तो यह हादसा किसी बड़े नुकसान में बदल सकता था. लेकिन समय पर लिया गया निर्णय, सटीक प्लानिंग और टीम का सामूहिक प्रयास ही था जिसने इस आपदा को एक सफल बचाव अभियान में बदल दिया.
टोंक में हुआ यह रेस्क्यू ऑपरेशन सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि मानवता, बहादुरी और समय पर लिए गए सही फैसलों की मिसाल है. जिन दो परिवारों के लिए यह रात डर और दहशत से भरी थी, आज उनके चेहरों पर सुकून और राहत है- और इसका पूरा श्रेय जाता है SDRF के जांबाज जवानों को.
(रिपोर्ट: मनोज तिवारी)