दिल्ली के कम से कम 15 बाजारों में दुकानों और खरीदारों के बीच गर्मी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए खास कदम उठाया गया है. इन बाज़ारों में दिन के मौसम की जानकारी और गर्मी से बचाव के उपाय दिखाने वाले ऐसे साइन बोर्ड लगाए गए हैं जिनमें हर रोज़ बदलाव किए जा सकते हैं. इन बोर्ड्स को लाजपत नगर और डिफेंस कॉलोनी जैसे बड़े बाज़ारों में लगाया गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और ग्रीनपीस इंडिया की इस पहल का उद्देश्य मौसम की जानकारी को अधिक सुलभ बनाना और लोगों को गर्मी के मौसम में सतर्क रहना सिखाना है.
हर रोज़ बदले जाते हैं बोर्ड
इन बोर्ड्स पर दिन की गर्मी की जानकारी और दिन का अधिकतम तापमान लिखा होता है. ये बोर्ड्स लोगों को पानी पीने की याद भी दिलाते हैं. इसके अलावा ये आने-जाने वालों को सही कपड़े पहनने की सलाह जैसे एहतियाती उपाय बताते हैं. इन्हें तापमान के आधार पर बदला जा सकता है. बोर्ड्स के 30 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान के लिए चार अलग-अलग सेट हैं. बाज़ार में काम करने वाले दुकानदार ही इन बोर्ड्स को हर रोज़ ज़रूरत के हिसाब से बदलते हैं.
आईएमडी की वर्कशॉप के बाद शुरू हुई पहल
आईएमडी ने पिछले सप्ताह एक वर्कशॉप आयोजित की थी. इसमें स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को मौसम माप और डेटा, गर्मी से बचाव के उपाय और जागरूकता फैलाने में उनकी भूमिका के बारे में ट्रेनिंग दी गई थी. ये बोर्ड न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, कालकाजी में लोटस टेंपल के पास, विज्ञान भवन और कल्याणपुरी जैसे बाजारों में देखे जा सकते हैं.
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में किताबें बेचने वाले, "डिफेंस कॉलोनी, लाजपत नगर, मयूर विहार फेज-3, नेहरू प्लेस, विज्ञान भवन और कल्याणपुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 15-20 बाजारों में ये बोर्ड लगाए गए हैं." लोटस टेंपल और लाल किले जैसे पर्यटक स्थलों के पास भी ये बोर्ड लगाए गए हैं. प्रसाद मेहंदी कलाकार कुलदीप सिंह के साथ मिलकर एनएफसी बाजार में इस बोर्ड का प्रबंधन करते हैं.
रिपोर्ट कुलदीप के हवाले से कहती है, "यह बोर्ड और प्रशिक्षण निश्चित रूप से मददगार रहे हैं. हम गर्मी की तीव्रता के अनुसार बरती जाने वाली सावधानियों को नहीं समझते थे, लेकिन अब हम इसके बारे में जागरूक हैं. यह बोर्ड मुझे अधिक पानी पीने की याद भी दिलाता है." नारायणा विहार, संगम विहार और पंजाबी बाग जैसे कुछ अन्य इलाकों में भी ये साइन बोर्ड लगाए गए हैं. ग्रीनपीस की सदस्य निबेदिता साहा ने कहा, "अब अलग-अलग कर्मचारी संघों के सदस्य खुद ही इन्हें लगाएंगे."