आंदोलन की वजह, कारण, शुरुआत, विचारधारा, पृष्ठभूमि.. ये वो सब कारक है जो किसी भी गुस्से को आंदोलन का रूप देते हैं. ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR&D), ने पहली बार देश के सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों के पुलिस प्रमुखों से उन सभी बड़े आंदोलन की डिटेल मांगी है, जो विशेष तौर पर आजादी के बाद हुए. इन सभी आंदोलनों को कई एंगल के देखा जाएगा और समझा जाएगा. साथ ही भविष्य में होने वाले आंदोलनों से निपटने के लिए तरीकों को खोजा जाएगा. यह खबर इंडियन एक्सप्रेस में छपि है.
कब आया ये फैसला?
ये फैसला ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की नेशनल पुलिस मिशन डिविजन की और से आया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने BPR&D को आदेश दिए थे, कि वह तरीके निकाले जिससे भविष्य में होने वाले आंदोलनों पर काबू पाया जा सके. ये तरीके आजादी के बाद हुए आंदोलनों को स्टडी करने और उनकी वजह, कारण, शुरुआत, विचारधारा, पृष्ठभूमि को समझने के बाद तैयार किए जा सकेंगे.
कैसे तैयार होंगे तरीके?
इन तरीकों को तैयार करने के लिए एक फॉर्मेट तैयार किया गया है, जिसमें किसी भी आंदोलन से जुड़े 13 सवाल शामिल हैं. जैसे आंदोलन से जुड़ी जगह और तारीख, आंदोलन के पीछे की वजह, आंदोलनकारियों की डिटेल, आंदोलनकारियों की संख्या, आंदोलन का प्रारूप, कैसे बड़ा बना आंदोलन, आंदोलन में कितना डैमेज हुआ, आंदोलन में पहुंची क्षति आदि.
पुलिस मिशन डिविजन को आदेश दिए गए हैं कि नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटिजी कॉन्फ्रेंस से जुड़े सुझावों को ध्यान में लेकर डॉक्यूमेंट तैयार किया जाए. इसमें करीब 50 साल के आंदोलन की स्टडी की जाएगी. साथ ही किसी भी आंदोलन के बैकग्राउंड और जमीनी स्तर को समझा जाएगा, और उनसे कैसे निपटा गया इस बात पर गौर किया जाएगा. इसके बाद भविष्य में किसी भी आंदोलन से निपटने के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी.