Uttar Pradesh: क्या यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को मिलेगा एक्सटेंशन? क्यों हो रही इसकी चर्चा

यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को 31 मई को रिटायर होना है. लेकिन रिटायर होने वाले अफसरों की लंच के आमंत्रण पत्र में प्रशांत कुमार का नाम नहीं है. इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार निश्चित हो गया है.

Up Acting DGP Prashant Kumar
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST

क्या उत्तर प्रदेश सरकार कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर काम कर रहे प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार देने जा रही है? एक बार फिर उत्तर प्रदेश के नौकरशाही में प्रशांत कुमार के एक्सटेंशन की चर्चा तेज हो गई है, वजह प्रशांत कुमार के साथ रिटायर हो रहे अफसरों को मिलने विदाई समारोह के लंच का आमंत्रण है.

31 मई को रिटायर हो रहे हैं कई अफसर-
दरअसल 31 मई को उत्तर प्रदेश से डीजी रैंक के तीन अफसरों का रिटायरमेंट है, जिसमें डीजी जेल पीवी राम शास्त्री, डीजी टेलीकॉम संजय एम तरडे के साथ-साथ मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार का भी 31 मई को रिटायरमेंट होना है. प्रशांत कुमार समेत डीजी रैंक के तीन अफसरो के साथ-साथ डीआईजी रैंक के भी 3 अफसर किरण यादव, डीआईजी वूमेन पावर लाइन, अरविंद चतुर्वेदी, डीआईजी विजिलेंस और तेज स्वरूप सिंह, डीआईजी पुलिस हेडक्वाटर भी रिटायरमेंट होंगे.
 
क्यों हो रही प्रशांत कुमार के एक्सटेंशन की चर्चा-
परंपरा के अनुसार रिटायर हो रहे अफसर को डीजीपी की तरफ से लंच/डिनर दिया जाता है. डीजीपी की तरफ से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का निमंत्रण डीजीपी के स्टाफ अफसर की तरफ से अफसर को भेजा जाता है. आज पुलिस हेडक्वार्टर में 1:30 बजे लंच का कार्यक्रम है, डीजीपी के स्टाफ अफसर की तरफ से भेजे पत्र में जिन अफसरों के रिटायरमेंट पर यह लंच दिया जा रहा है, उसमें 5 अफसरों का तो नाम है, लेकिन मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार का नाम नहीं है. इसी के बाद से चर्चा तेज हो गई है कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार देने जा रही है.

हालांकि जानकारों का कहना है कि आईपीएस अफसरों के रिटायरमेंट पर लंच या डिनर डीजीपी की तरफ से ही दिया जाता है. डीजीपी की तरफ से दिए जाने वाले इस लंच का जो आमंत्रण है, वह स्टाफ अफसर की तरफ से भेजा जाता है. लेकिन इसको सेवा विस्तार से जोड़ना कयास के लिए ठीक है, लेकिन आधिकारिक सेवा विस्तार का आदेश न माना जाए, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

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