सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) का सरकारी आवास खाली नहीं करने का मामला इस समय चर्चा में है. डीवाई चंद्रचूड़ मुख्य न्यायधीश के पद से रिटायर होने के पांच महीने बाद भी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के बंगले में रह रहे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से सरकारी आवास खाली कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
उधर, डीवाई चंद्रचूड़ ने CJI का सरकारी आवास खाली करने में हो रही देरी के लिए अपनी देनों बेटियों की बीमारियों का हवाला दिया है. अब सवाल उठता है कि आखिर सीजेआई का सरकारी आवास खाली करने को लेकर नियम क्या है? आइए जानते हैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को रिटायर होने के बाद कब तक खाली करना होता है सरकारी आवास और रिटायरमेंट के बाद मुख्य न्यायाधीश को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने दिया ये हवाला
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकारी आवास खाली नहीं करने को लेकर अपनी दोनों बेटियों प्रियंका और माही की बीमारियों का हवाला दिया है. डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि प्रियंका और माही नेमालाइन मायोपैथी बीमारी से पीड़ित हैं. यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जो मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है. डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि दोनों बेटियों का इलाज चल रहा है. उन्हें व्हीलचेयर के अनुकूल घर की आवश्यकता है. डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि हमने सरकारी आवास से वास्तव में अपना सामान पैक कर लिया है. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक आवास तैयार होते ही परिवार वहां चला जाएगा.
इस तारीख को डीवाई चंद्रचूड़ हुए थे सेवानिवृत्त
डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद पर दो साल रहने के बाद 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे. सीजेआई के पद पर रहते हुए डीवाई चंद्रचूड़ को आवास के तौर पर दिल्ली स्थित 5 कृष्ण मेनन मार्ग में बंगला मिला था. यह टाइप VIII का बंगला है. डीवाई चंद्रचूड़ को सीजेआई के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद नियमों के तहत अस्थायी निवास के तौर पर एक टाइप VII का बंगला आवंटित हुआ था, लेकिन डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से अनुरोध कर 30 अप्रैल 2025 तक बंगला नंबर 5, कृष्णा मेनन मार्ग में रहने की अनुमति ली थी.
मौजूदा चीफ जस्टिस बीआर गवई ने 30 अप्रैल 2025 की अवधि पूरी होने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ को 5 कृष्ण मेनन मार्ग बंगला में रहने की अनुमति 31 मई 2025 तक दी थी. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन का कहना है कि यह अवधि पूरी होने के बाद भी चंद्रचूड़ ने बंगला खाली नहीं किया है. ऐसे में नए जजों को आवास के आवंटन में समस्या हो रही है. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्रीय आवास मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि बंगला नंबर 5, कृष्णा मेनन मार्ग को पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से खाली कराया जाए.
रिटायरमेंट के बाद सरकारी बंगला स्थायी रूप से रहने के लिए नहीं मिलता
आपको मालूम हो कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पद से रिटायरमेंट के बाद सरकारी बंगला स्थायी रूप से रहने के लिए नहीं मिलता है. सीजेआई को सेवानिवृत्ति के बाद अधिकतम 6 महीने तक सरकारी आवास वह भी टाइप-VII श्रेणी में रहने की अनुमति होती है. इस अवधि में पूर्व मुख्य न्यायाधीश से कोई किराया नहीं लिया जाता है.
बस लाइसेंस फीस ली जाती है. इस छह महीने की अवधि के बाद पूर्व सीजेआई को बंगला खाली करना होता है. इसका मतलब है कि सेवानिवृत्ति के 6 महीने बाद मुख्य न्यायाधीश को सरकारी बंगला खाली कर अपने प्राइवेट घर या किसी अन्य निजी व्यवस्था में ही रहना पड़ता है. हालांकि कुछ विशेष परिस्थिति में मौजूदा मुख्य न्यायधीश और सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की अनुमित मिलने पर यह अवधि बढ़ाई जा सकती है. यदि पूर्व मुख्य न्यायाधीश निर्धारित छह महीने की अवधि के बाद भी सरकारी आवास में रहते हैं, तो उन्हें सरकारी नियमों के अनुसार किराया देना होता है. आपको मालूम हो कि पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक टाइप VIII बंगले में रहने के लिए 5430 रुपए प्रति माह की मामूली लाइसेंस फीस पर अनुमति दी गई थी. यह राशि सामान्य किराए से काफी कम होती है.
रिटायरमेंट के बाद मुख्य न्यायाधीश का क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं
1. सेवानिवृत्ति के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश को 1680000 रुपए प्रति वर्ष (लगभग 140000 रुपए प्रति माह) पेंशन मिलती है.
2. पेंशन के अलावा महंगाई राहत दी जाती है. ग्रेच्युटी के रूप में 20 लाख रुपए मिलते हैं.
3. मुख्य न्यायाधीश को रिटायर होने के बाद 6 महीने तक दिल्ली में टाइप-VII श्रेणी का सरकारी आवास मुफ्त में मिलता है.
4. सेवानिवृत्ति के बाद पांच वर्षों तक आवास पर निजी सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं.
5. मुख्य न्यायाधीश को रिटायर होने के बाद घरेलू सहायक और ड्राइवर की सुविधा जीवन भर के लिए मिलती है.
6. पूर्व सीजेआई को आवास पर टेलीफोन, मोबाइल, ब्रॉडबैंड आदि के लिए 4200 रुपए प्रति माह मिलते हैं.
7. रिटायर होने के बाद सीजेआई को सेक्रेटेरियल असिस्टेंट मिलता है.
8. पूर्व सीजेआई को हवाई अड्डों पर सेरेमोनियल लाउंज का लाभ मिलता है.
9. सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य न्यायाधीश वकालत नहीं कर सकते, क्योंकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124(7) स्पष्ट रूप से यह प्रतिबंध लगाता है.