World Bank report: भारत में 8 सालों में 12.3% घटी गरीबी, छोटे किसानों की आमदनी बढ़ी, सरकारी योजनाएं हुईं कारगर

2011-2019 की अवधि के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीबी के स्तर में क्रमशः 14.7 और 7.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 11.6% हो गई है और शहरी गरीबी का स्तर 6.3% है.

Poverty decline in india (Photo: Wikimedia Commons)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 18 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:05 AM IST
  • भारत में गरीबी पर सामने आई वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट
  • 8 सालों में भारत में 12.3% गरीबी घटी

विश्व बैंक नीति अनुसंधान (World Bank Policy Research) के एक वर्किंग पेपर में कहा गया है कि भारत में चरम गरीबी 2011 की तुलना में 2019 में 12.3 प्रतिशत कम रह गई. क्योंकि गरीबी की संख्या 2011 में 22.5% से घटकर 2019 में 10.2% हो गई.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से प्रकाशित एक वर्किंग पेपर में बताया गया है कि भारत ने चरम गरीबी को लगभग समाप्त कर दिया है. देश में सरकार के माध्यम से दिए जा रहे खाद्यान्न वितरण से पिछले 40 वर्षों में उपभोग असमानता को अपने निम्नतम स्तर पर लाया गया है. 

ग्रामीण क्षेत्रों में घटी ज्यादा गरीबी

शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में ज्यादा कमी आई है क्योंकि ग्रामीण गरीबी 2011 में 26.3% से घटकर 2019 में 11.6% हो गई. जबकि शहरी क्षेत्रों में यह गिरावट इसी अवधि के दौरान 14.2% से घटकर 6.3% हो गई.  विश्व बैंक के वर्किंग पेपर में कहा गया है कि ग्रामीण और शहरी गरीबी में 2011-2019 के दौरान 14.7 और 7.9 प्रतिशत अंक की गिरावट आई है. 

विश्व बैंक के शोध पत्र के अनुसार, 2016 में भारत में शहरी गरीबी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो नोटबंदी (विमुद्रीकरण) के कारण हुई, और अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण ग्रामीण गरीबी में 2019 में 10 आधार अंकों की वृद्धि हुई. 

किसानों की बढ़ी आय

इस पेपर संयुक्त रूप से अर्थशास्त्री सुतीर्थ सिन्हा रॉय और रॉय वैन डेर वेइड ने लिखा है. रिसर्च के अनुसार, छोटी जोत के किसानों की आय बढ़ी है. सबसे छोटी जोत वाले किसानों के लिए वास्तविक आय में दो सर्वेक्षण दौर (2013 और 2019) के बीच वार्षिक रूप से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि सबसे बड़ी जोत वाले किसानों के लिए 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

विश्व बैंक का यह पेपर महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के पास हाल की अवधि का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. अंतिम व्यय सर्वेक्षण 2011 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) ने जारी किया था.

 

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