सिर्फ चीनी ही नहीं रसोई में रखा नमक भी सेहत को पहुंचा रहा है नुकसान, WHO ने दी सभी के लिए ये नसीहत

सिर्फ चीनी ही बल्कि आपकी रसोई में रखा नमक भी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. इसी को लेकर WHO ने सभी के लिए ये नसीहत दी है कि जितना हो उतना इसका इस्तेमाल कम करें.

नमक के नुकसान
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST
  • WHO की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट 
  • नमक के इस्तेमाल में 30 फीसदी तक कम किया जाए 

खाने में नमक ना हो तो स्वाद नहीं आता लेकिन यही नमक जब आप जरूरत से ज्यादा खाने लगेंगे तो आपका दिल मुश्किल में आ सकता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की नई रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में और भारत में भी लोग तय मात्रा से दोगुना ज्यादा नमक खाते हैं और इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. जो नमक आप दाल सब्जी या दूसरी चीजों में खाते हैं, वो सही मायनों में पूरे शरीर और खासतौर पर आपके दिल का दुश्मन है. जहर की तरह धीरे-धीरे असर करता है, और एक दिन काम तमाम कर देता है.

WHO की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट 

WHO की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है, जिसमें नमक के खतरे से पूरी दुनिया को आगाह किया गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो अगले सात साल में करीब 70 लाख लोग इसकी वजह से होने वाली बीमारियों के चलते जान गंवा बैठेंगे. 

होती हैं कई बीमारियां 

दरअसल, पूरी दुनिया में ज्यादातर लोग रोजाना 10.8 ग्राम नमक खा रहे हैं. जबकि सेहत के हिसाब से ये मात्रा रोजाना 5 ग्राम है. यानी ज्यादातर लोग तय मात्रा से दोगुना नमक रोज खा रहे हैं. इसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है. और इसके बाद हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल की दूसरी बीमारियों का खतरा बढ जाता है. 

नमक में मौजूद सोडियम है जहर 

बताते चलें, नमक में मौजूद सोडियम रक्त नलिकाओं को पतला कर देता है और इसकी वजह से दिल से जुड़ी तमाम समस्याएं होती हैं. लेकिन नमक लेकर स्थिति क्यों गंभीर हो गई है, इसे भी समझना जरूरी है. असल में रसोई में इस्तेमाल होने वाले नमक के अलावा अब प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल बढ़ गया है. डिब्बा बंद या पैकेट में मिलने वाले तैयार फूड में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. परेशानी ये है कि इनका चलन शहरी इलाकों में तेजी से बढ गया है और चिंता की बात ये है कि बच्चों में इनका जबरदस्त क्रेज है. 

इस तरह रसोई में इस्तेमाल होने वाले नमक और बाहर के खाने से मिल रहे नमक.दोनों की मिली जुली मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है. हालांकि खाते वक्त इसका एहसास नहीं होता, लेकिन ये नमक धीरे धीरे अपना असर दिखाता है और एक दिन दिल का दुश्मन बन जाता है.

नमक के इस्तेमाल में 30 फीसदी तक कम किया जाए 

WHO की कोशिश 2030 तक नमक के इस्तेमाल में 30 फीसदी कमी लाने की है. इसके लिए उसने सरकारों से जरूरी कदम उठाने की अपील की है. इसके लिए लोगों को जागरूक करने के साथ प्रोसेस्ड फूड में नमक की मात्रा बताने जैसे कदम शामिल हैं. साथ ही रोजाना भोजन में भी नमक की मात्रा कम करने की सलाह दी गई है. डॉक्टर के मुताबिक अगर आप खाने में नमक की मात्रा कम करते हैं तो आपके स्वाद पर फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि जल्दी ही आपके टेस्ट बड्स उसके अनुरूप हो जाते हैं. यानी मसला स्वाद का नहीं बल्कि आदत का है. इस सफेद जहर से दूर रहने की आदत जितनी जल्दी डाल ली जाए उतना बेहतर है. 


 

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