आसमान में कई-कई घंटे गुज़ारना. मुसलसल उड़ते रहना और अपना कंपोशर भी बरकरार रखना. यह होती है एक एयरहोस्टेस की ज़िन्दगी. एयरहोस्टेस के जीवन को भले ही कुछ लोग उसकी चमक-धमक के लिए पहचानें लेकिन इस प्रोफेशन की अपनी चुनौतियां भी होती हैं. अब दुनिया की सबसे लंबी फ्लाइट में काम करने वाली एयरहोस्टेस ने इन चुनौतियों पर रोशनी डाली है.
कौनसी है दुनिया की सबसे लंबी फ्लाइट?
दुनिया की सबसे लंबी फ्लाइट न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी एयरपोर्ट से उड़ती है और सिंगापुर के चांगी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जाकर लैंड होती है. इस यात्रा को पूरा होने में 18 घंटे 45 मिनट का समय लगता है. इसपर यात्रा करने वालों के लिए यह अनुभव अनोखा हो सकता है, लेकिन पायलट और क्रू के लिए यह उनके जीवन का एक हिस्सा है.
इसी फ्लाइट पर एयरहोस्टेस के तौर पर रहने वाली सिंगापुर एयरलाइन्स की मैडेलीन खॉ ने दुनिया की सबसे लंबी उड़ान का अपना अनुभव साझा किया है. साथ ही उन्होंने बताया है कि पैसेंजर अपने लिए इस लंबे सफर को आसान कैसे कर सकते हैं.
शिफ्ट मैनेज करता है फ्लाइट क्रू
मैडेलिन बताती हैं कि 19 घंटे तक अपना फोकस बरकरार रखने के लिए फ्लाइट क्रू शिफ्ट बदल-बदलकर काम करते हैं. ट्रैवल एंड लीजर से बात करते हुए खॉ कहती हैं, "क्रू के आराम करने और काम करने का वक्त बांट दिया जाता है. यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि सभी को पर्याप्त आराम मिले ताकि उनका फोकस बना रहे और लोगों को वक्त से सर्विस दे सकें."
हवाई राह पर राहत मुश्किल
अब इसमें एक समस्या यह है कि ऊंचाई पर आराम करना हमेशा आसान नहीं होता. अशांति, केबिन का शोर और टाइम ज़ोन का फर्क नींद लेने वालों पर कहर बरपा सकता है. इस उड़ान में खॉ 15 टाइम ज़ोन से होकर गुज़रती हैं और ऐसे में थकान होना लाज़मी है.
खॉ ने स्वीकार किया, "लंबी दूरी की उड़ानें संचालित करने में अपनी चुनौतियां होती हैं. इनमें थकान सबसे ज्यादा ध्यान देने वाले दीर्घकालिक प्रभावों में से एक है. वक्त के साथ आप लगातार थकान महसूस कर सकते हैं या बदन टूटने की भी शिकायत हो सकती है."
स्ट्रेस और थकान कैसे करती हैं मैनेज?
खॉ ने इस लंबी फ्लाइट के स्ट्रेस और थकान से निपटने के लिए कई तरीके अपनाए हैं. सबसे पहले तो उन्होंने अपने स्किनकेयर में हाइड्रेटिंग फ़ेशियल मास्क शामिल किया है. इसके अलावा जब वह उड़ नहीं रही होतीं तो उनका फोकस भरपूर नींद लेने पर होता है. खॉ का कहना है कि इन उड़ानों को सफल बनाने में क्रू का बड़ा योगदान होता है और सभी एयरहोस्टेस एक-दूसरे की प्रेरणा बनती हैं.
खॉ कहती हैं, "जब से हम अपनी ड्यूटी शुरू करते हैं, तब से एक अनकही समझ होती है कि हमें 18 घंटों के दौरान एक-दूसरे पर निर्भर रहना होगा. न सिर्फ़ सर्विस के लिए, बल्कि मनोबल और ऊर्जा बनाए रखने के लिए भी. खाली समय में क्रू के साथ हंसी-मज़ाक या कुछ पल बिताने से एनर्जी बढ़ती है."
खॉ और उनकी साथियों के लिए इस उड़ान की तैयारी उड़ान से पहले ही शुरू हो जाती है. खॉ उड़ान से पहले अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं. उड़ान भरने से पहले वह परिवार के साथ समय बिताने पर ध्यान देती हैं. इसके अलावा वह एक खास काम करती हैं- अपने अज़ीज़ों के साथ लंच करना. इससे वह खुद को ज़मीन से जुड़ा हुआ महसूस करती हैं.
पैकिंग चेकलिस्ट बनाना, एक्सट्रा यूनीफॉर्म पैक करना और स्किनकेयर से जुड़े ज़रूरी सामान और विटामिन लेने से सफर में खॉ का दिल लगा रहता है. “लंबी दूरी की उड़ानें संचालित करने का मौका पाकर मैं उन जगहों पर पहुंची हूं जहां जाने की मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. मैं न्यूयॉर्क जा रही हूं, जो दुनिया के सबसे रोमांचक शहरों में से एक है. मैंने यहां आने के लिए कड़ी मेहनत की है. गर्व की यही भावना मुझे केंद्रित रखती है.”