कुछ लोग अपने अब गजब कारनामों से न सिर्फ अपने आस-पास रहने वाले लोगों को बल्कि सरकार को भी परेशानी में डाल देते हैं. ऐसा ही कुछ किया है चीन के 23 साल के लड़के ने.
चीन के हुनान प्रांत के रहने वाले 23 साल के झू युनफेई ने बार-बार अपना नाम बदलकर चीनी सरकार को परेशान कर दिया है. अब तक ये लड़का कई बार अपना नाम बदल चुका है और एक बार तो उसने 48 चीनी अक्षरों वाला नाम रखने की अजीब मांग भी कर डाली, हालांकि स्थानीय प्रशासन ने उसे यह कहकर मना कर दिया कि “आईडी कार्ड में इतने अक्षर आ ही नहीं सकते.”
पहले ‘झू क्वे शुआन वू’, फिर रखा ‘झू क्वे शुआन वू ची लिंग’ नाम
हुनान प्रांत के गुइयांग काउंटी के एक छोटे से गांव में रहने वाले इस युवक का जन्म के समय झू युनफेई नाम था लेकिन उसे अपना नाम बहुत सामान्य लगने लगा. उसके गांव में एक और व्यक्ति का नाम भी यही था. इसके बाद उसने अपना नाम बदलने की ठानी. पिछले साल मई से अब तक वह कई बार अपना नाम बदल चुका है. पहले उसने अपना नाम बदलकर Zhu Que Xuan Wu रखा. फिर कुछ समय बाद उसमें और दो शब्द जोड़कर अपना नाम Zhu Que Xuan Wu Chi Ling कर लिया. लेकिन यह नया नाम ही उसके लिए मुश्किल बन गया.
नाम की वजह से नौकरी में हुआ रिजेक्ट
नौकरी के इंटरव्यूज में उसे बार-बार उसका नाम अजीब लगने की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया. ऐसे में तंग आकर उसने अपनी मां का सरनेम अपने नाम के आगे लगा लिया और अब उसका नया नाम Zhou Tian Zi Wei Da Di हुआ. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे ‘संवेदनशील’ मानते हुए नाम बदलने की अनुमति नहीं दी.
इस बार 48 चीनी अक्षरों वाला नाम रखने की जिद
हाल ही में अप्रैल के आखिर में उसे झू शियान निंग नाम के लिए मंजूरी मिल गई लेकिन इस कहानी का अंत यहां भी नहीं हुआ. 27 अप्रैल को उसने फिर से एक अर्जी दी, इस बार उसने अपने नाम में 48 चाइनीज कैरेक्टर्स शामिल करके नया नाम बनाया. लेकिन प्रशासन ने इसे खारिज करते हुए कहा, "आईडी कार्ड में इतने अक्षर समा ही नहीं सकते और सरकारी कामकाज में भी भारी असुविधा होगी."
पिता नाखुश, सोशल मीडिया पर बहस
युवक के पिता ने भी बेटे की इस आदत को गलत ठहराया है. हालांकि कई लोगों ने इसे ‘ध्यान खींचने की कोशिश’ करार दिया है तो कोई कह रहा है. "क्या कोई इंसान अपनी मर्जी से इतने बार नाम बदल सकता है?"
आपको बता दें, चीन के सिविल कोड के अनुसार, एडल्ट अपना नाम बदल सकते हैं, लेकिन यह बदलाव सार्वजनिक व्यवस्था और सामाजिक परंपराओं के खिलाफ नहीं होना चाहिए.