गणित की दुनिया में भारत की प्रतिभा ने एक बार फिर पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है. राजस्थान के उदयपुर के मेधावी छात्र प्रखर सिंहवी ने न्यूयॉर्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में आयोजित प्रतिष्ठित Copernicus Olympiad 2025 के वैश्विक दौर में पहला स्थान हासिल किया है. प्रखर ने न केवल अपने परिवार और विद्यालय, बल्कि पूरे भारतवर्ष का नाम रोशन किया है. यह ओलंपियाड विश्व की सबसे कठिन और सम्मानित प्रतियोगिताओं में से एक मानी जाती है, जहां गणित, विज्ञान, तार्किक क्षमता और नवाचार जैसे विषयों में दुनिया भर के प्रतिभाशाली छात्र अपनी बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करते हैं. इस साल 54 देशों से आए 25,000 से अधिक प्रतिभागियों ने इस मंच पर भाग लिया और ऐसे उच्च प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में प्रखर का शीर्ष स्थान हासिल करना भारतीय शिक्षा और प्रतिभा के लिए एक गर्व का क्षण है.
गणित में बचपन से रुचि- प्रखर
प्रखर सिंहवी की इस उल्लेखनीय उपलब्धि के पीछे वर्षों की मेहनत, समर्पण और गणित के प्रति उनकी गहरी रुचि छिपी है. वे न केवल एक नियमित छात्र हैं, बल्कि उन्होंने कक्षा 11वीं में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए स्वयं को तैयार किया. उनका मानना है कि गणित एक विषय नहीं, बल्कि सोचने का एक तरीका है. वे कठिन से कठिन प्रमेयों को सरल बनाने, तर्कपूर्ण पहेलियों को हल करने और अंकों की सुंदरता को समझने में आनंद लेते हैं. उनकी यह रुचि बचपन से ही विकसित हुई, जब वे गणितीय खेलों और पजल्स के जरिए सीखने लगे थे. प्रखर ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स, टेस्ट सिरीज़ और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रश्नपत्रों का अभ्यास कर अपने कौशल को धार दी. उनका आत्मानुशासन और लक्ष्य के प्रति स्पष्टता ही उनकी सफलता की सबसे बड़ी कुंजी रही.
प्रखर के पिता वरिष्ठ वकील-
प्रखर का पारिवारिक वातावरण भी उनके विकास में अत्यंत सहायक रहा. उनके पिता, भरत सिंहवी एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जबकि माता, प्रतिभा सिंहवी एक गृहिणी हैं. दोनों ने हमेशा प्रखर को स्वतंत्र रूप से सोचने, सवाल पूछने और समस्याओं को अलग दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रेरित किया. वे मानते हैं कि बच्चों में आत्मनिर्भरता और जिज्ञासा को बढ़ावा देना ही उन्हें असाधारण बनाने की दिशा में पहला कदम होता है. प्रखर की यह सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि उनके माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों के सामूहिक प्रयास का भी प्रतिफल है. विशेष रूप से नारायणा स्कूल, जयपुर द्वारा दी गई शैक्षणिक दिशा और प्रशिक्षण ने प्रखर को वैश्विक मंच के लिए पूरी तरह तैयार किया.
प्रखर की जीत युवाओं के लिए प्रेरणा-
कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क जैसे विश्वविख्यात संस्थान में भारतीय तिरंगे में लिपटे प्रखर ने जब स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र प्राप्त किया, तो वह दृश्य न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और उत्साह का क्षण था. उनकी यह जीत आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है कि यदि जुनून, मेहनत और दिशा सही हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता. अपने विजयी भाषण में प्रखर ने कहा कि यह उपलब्धि मेरे माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों के बिना संभव नहीं थी. कोलंबिया यूनिवर्सिटी में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए एक सपना था, जो अब साकार हुआ है. मैं यह सम्मान अपने देश और अपने शहर उदयपुर को समर्पित करता हूँ.
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