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कम उम्र में जीता पंचायत चुनाव... लेकिन रद्द हुई सदस्यता... अपने कार्य से बनाई पहचान... 15 अगस्त को मिलेंगी पीएम से, जानिए कौन है यह महिला

कहते हैं कि अगर हौसले बुलंड हों तो कोई रोड़ा बीच में नहीं आता. ऐसा ही मामला है बिहार की पूजा कुमारी के साथ. जो सबसे कम उम्र में दो बार पंचायत चुनाव में मुखिया के तौर पर चुनी जा चुकीं हैं. साथ ही वह विशेष तौर पर अपनी पंचायत में महिलाओं के मुद्दों को काफी उठाती है और उनका निवारण करती है.

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बिहार के गया जी के कोच प्रखंड के गगरी पंचायत की मुखिया पूजा कुमारी है. पूजा कुमारी की खास बात है कि वह बिहार की सबसे युवा और दो बार निर्वाचित मुखिया हैं. पूजा कुमारी की इस उपलब्धि के लिए उन्हें 15 अगस्त को लाल किले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा. साथ ही वह प्रधानमंत्री के भी मिल पाएंगी. इस मौके से पूरे बिहार में उनका नाम रौशन होगा.

क्यों खास हैं पूजा कुमारी?
पूजा कुमारी इसलिए भी अपने क्षेत्र में काफी जानी जाती हैं, क्योंकि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए चकई काम किए हैं. खासतौर पर एक महिला होकर, महिलाओं के मुद्दों को उन्होंने बखूबी समझा और उनका निवारण किया. उनकी पंचायत को 'मॉडल वूमेन फ्रेंडली' पंचायत के रूप में काफी सम्मान मिला है.

पूरा गांव कर रहा तारीफ
पूजा कुमारी को 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका मिलेगा. यह पल पूरे गांव के लिए गौरव महसूस करने वाला पल होगा. इस पल को लेकर पूजा के परिवार में भी एक खास खुशी की लहर है. जब उन्हें पीएमओ के 15 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला, तो इस बात को लेकर गांव वाले काफी खुश नज़र आए. साथ ही उनको बधाई देने के लिए पूरा गांव पहुंचा.

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क्या कहना है पूजा कुमारी का?
पूजा बताती है कि उन्हें 15 अगस्त को प्रधानमंत्री से मिलने का जो मौका मिला है, उसको लेकर वह काफी खुश हैं. वह यह भी बताती है कि यह मौका केवल ग्राम पंचायत के लिए किए गए कार्यों के चलते मिला है. विशेष तौर पर जो कार्य उन्होंने महिलाओं के लिए किए. इसके लिए वह अपने गांव के लोगों का आभार जताती हैं.

लोग करते हैं पूजा कुमारी की तारीफ
पूजा कुमारी ग्राम पंचायत के चुनावों में अपने से दोगुने और तिगुने उम्र के उम्मीदवारों को शिक्स्त दे चुकीं है. वह चुनाव 7500 मतदाताओं वाली पंचायत के लिए लड़ चुकी हैं और इसमें जीत हासिल कर एक मिसाल कायम की है. बता दें कि पहली बार वह 20 वर्ष की आयु में चुनाव में उतरी थीं और जीत हासिल की थी. लेकिन कम उम्र के चलते कोर्ट में विवाद के चलते सदस्यता रद्द हो गई. जिसके बाद 2023 के उपचुनाव में वह दोबारा खड़ी हुईं और जीत हासिल की.