Farmer Success Story: ना मौसम की मार, ना मुनाफे की कमी! किसान राजेंद्र अटल का 5 फुट का आम का पेड़ सालभर देता है फल 

सहारनपुर के दिल्ली रोड पर स्थित प्राकृतिक कुंज में राजेंद्र अटल ने प्राकृतिक खेती और इनोवेशन का मेल करके इस बारहमासी किस्म को विकसित किया. उनके मुताबिक, इस पेड़ को कम देखभाल की जरूरत है और ये रोग प्रतिरोधी भी है. 100 से 200 रुपये में उपलब्ध ये पौधे साइज के आधार पर बिकते हैं.

Farmer Rajendra Atal
gnttv.com
  • सहारनपुर ,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

क्या आपने कभी सोचा कि एक छोटा-सा 5 फुट का पेड़ सालभर फल दे सकता है और किसानों की आय को 10 गुना बढ़ा सकता है? सहारनपुर के प्राकृतिक कुंज में किसान राजेंद्र अटल ने ऐसा ही कमाल कर दिखाया है! उनकी बारहमासी आम की अनोखी किस्म ने खेती की दुनिया में तहलका मचा दिया है. इस पेड़ पर बोर, चने जैसे छोटे आम, 1 इंच मोटे आम, और फुल साइज आम एक साथ लटकते हैं, जो इसे हर मौसम में फलों से लदा रखता है. 

सहारनपुर, जो पहले से ही आम की बागवानी का गढ़ है, अब राजेंद्र अटल के इस अनोखे प्रयोग की वजह से सुर्खियों में है. प्राकृतिक कुंज में विकसित इस बारहमासी आम की किस्म सिर्फ़ 5 फुट ऊंची है, लेकिन ये साल में 4-5 बार फल देती है.

इस पेड़ की खासियत ये है कि ये हर मौसम में फल देता है- बोर से लेकर चने जैसे छोटे आम, 1 इंच मोटे आम, और फुल साइज आम तक, सब एक साथ! राजेंद्र अटल बताते हैं, "ये आम स्वाद में बेमिसाल है. इसकी उत्पादकता इतनी ज़्यादा है कि ये किसानों की आय को 10 गुना तक बढ़ा सकती है." ये पेड़ कम जगह में ज्यादा फल देता है, जिससे ये छोटे किसानों और शहरी बागवानों के लिए भी वरदान है.

कैसे शुरू हुआ ये क्रांतिकारी प्रयोग?  
सहारनपुर के दिल्ली रोड पर स्थित प्राकृतिक कुंज में राजेंद्र अटल ने प्राकृतिक खेती और इनोवेशन का मेल करके इस बारहमासी किस्म को विकसित किया. उनके मुताबिक, इस पेड़ को कम देखभाल की जरूरत है और ये रोग प्रतिरोधी भी है. 100 से 200 रुपये में उपलब्ध ये पौधे साइज के आधार पर बिकते हैं.

राजेंद्र कहते हैं, "हमारा मकसद है कि देशभर के किसान इस वैरायटी को अपनाएं और आत्मनिर्भर बनें." प्राकृतिक कुंज में इन पौधों का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है, ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके. ये पेड़ शहरी किचन गार्डन, छतों, और छोटे खेतों के लिए भी आदर्श है, क्योंकि इसकी ऊंचाई सीमित है.

किसानों के लिए क्यों है ये वरदान?  
इस जादुई आम के पेड़ की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देता है. ऑफ-सीजन में आम की कीमत 50-100 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है, जिससे किसानों को बंपर कमाई होती है. राजेंद्र अटल बताते हैं, "पारंपरिक खेती में किसान साल में एक बार फसल लेते हैं, लेकिन ये पेड़ साल में 4-5 बार फल देता है."

ये रोग प्रतिरोधी है, जिससे कीटनाशकों की जरूरत कम पड़ती है. गोबर की खाद और प्राकृतिक खेती के तरीकों से इसे आसानी से उगाया जा सकता है. ये छोटे और मध्यम किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो कम जमीन में ज्यादा उत्पादन चाहते हैं.

पर्यावरण और किसानों का दोहरा फायदा  
ये बारहमासी आम न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहा है. प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों पर आधारित इस वैरायटी में रासायनिक खाद की जरूरत नहीं. मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, और कम पानी की खपत इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाती है. राजेंद्र अटल कहते हैं, "प्राकृतिक कृषि और नवाचार का मेल आज के किसान को आत्मनिर्भर और समृद्ध बना सकता है." इस पेड़ की खेती शहरी क्षेत्रों में भी आसानी से हो सकती है, जिससे किचन गार्डन और रूफटॉप बागवानी को बढ़ावा मिल रहा है.

सहारनपुर पहले से ही आम की खेती के लिए मशहूर है. कंपनी बाग में एक पेड़ पर 121 किस्मों के आम उगाने का रिकॉर्ड पहले ही चर्चा में रह चुका है. लेकिन राजेंद्र अटल का ये बारहमासी आम एक कदम आगे है, क्योंकि ये सालभर फल देता है. दशहरी, लंगड़ा, और चौसा जैसी पारंपरिक किस्मों के साथ ये वैरायटी स्वाद और गुणवत्ता में बेजोड़ है. प्राकृतिक कुंज में इन पौधों की मांग दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, और उत्तराखंड जैसे राज्यों में तेजी से बढ़ रही है.

बारहमासी फसल है ये आम 
राजेंद्र अटल बताते हैं, "हमारे यहां ये आम की बारहमासी फसल है, जो साल में चार बार फल देती है. कई बार तो पांच बार भी फल आए हैं. इस पेड़ पर बोर, चने जैसे छोटे आम, 1 इंच मोटे आम, और फुल साइज आम एक साथ दिखते हैं. ये बहुत स्वादिष्ट है और किसानों की आय 10 गुना बढ़ाने में सक्षम है. हम प्राकृतिक कुंज में अलग-अलग किस्मों पर काम कर रहे हैं. जो भी किसान इन पौधों की मांग करेगा, हम उसे पूरा करेंगे. पेड़ की कीमत 100-200 रुपये है, जो साइज पर निर्भर करती है."

(राहुल कुमार की रिपोर्ट)

 

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