उत्तर प्रदेश के हापुड़ में समाधान दिवस में पहुंची महिला ने सांसद अरुण गोविल से खुद को मृतक बताया और मदद की गुहार लगाई. हापुड के समाज कल्याण विभाग ने महिला को मृतक बताकर विगत तीन वर्षों से वृद्धावस्था पेंशन बन्द कर दी है. बुजुर्ग महिला कई समाधान दिवस सहित अधिकारियों के चक्कर लगाकर परेशान होने के बाद सांसद से समाधान दिवस में मिली. शनिवार को चल रहे समाधान दिवस में पहुंची बुजुर्ग महिला ने सांसद अरुण गोविल से मिलकर अपनी परेशानी बताई.
'मृतक' की गुहार पर सांसद का DM को फोन-
हापुड़ तहसील के गांव धनौरा निवासी कुसुम त्यागी को समाज कल्याण विभाग ने 3 साल से कागजों में मृत घोषित कर दिया है. महिला ने अपनी वृद्धावस्था पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए हापुड़-मेरठ लोकसभा सीट से सांसद अरुण गोविल से गुहार लगाई. सांसद ने उनकी व्यथा सुनने के बाद तत्काल जिलाधिकारी अभिषेक पांडे को फोन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
3 साल से कागजों में मर चुकी हैं कुसुम त्यागी-
आपको बता दें सरकारी कागजों में मृतक घोषित कुसुम त्यागी पिछले लगभग तीन वर्षों से अपनी वृद्धावस्था पेंशन के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं. उनका आरोप है कि दस्तावेज में त्रुटि के कारण उन्हें जनवरी 2022 में मृतक घोषित कर दिया गया था, जिससे उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई. स्थानीय जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार से लगातार संपर्क के बावजूद उन्हें कोई समाधान नहीं मिल पाया है.
कागज में जिंदा करने की गुहार-
शनिवार को हापुड़ के तहसील में आयोजित समाधान दिवस में सांसद अरुण गोविल जब गरीबों को कंबल वितरित करने पहुंचे, तो पीड़िता कुसुम त्यागी ने उनसे मुलाकात कर अपनी समस्या बताई. उन्होंने सांसद को जानकारी दी कि उन्हें कागजों में मृतक दिखाकर उनकी पेंशन बंद कर दी गई है और वह तीन वर्षों से अधिकारियों और कार्यालयों के लगातार चक्कर लगा रही हैं. लेकिन उन्हें कागजों में 'जीवित' घोषित नहीं किया जा रहा है.
महिला भूत बता रही है, इससे जिंदा कर दीजिए- सांसद
सांसद अरुण गोविल ने पीड़िता कुसुम त्यागी की बात को गंभीरता से सुना और तुरंत जिलाधिकारी अभिषेक पांडे को फोन कर इस मामले में त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए. सांसद अरुण गोविल ने डीएम अभिषेक पांडे से फोन पर बात करते हुए व्यंग्य करते हुए कहा कि आपके क्षेत्र में घूम रहा हूं , एक बुजुर्ग महिला स्वयं को 'भूत' बता रही है , कागजों में स्वयं को मृतक बता रही हैं. इनको जिंदा कर दीजिए.
डीएम ने दिया भरोसा-
सांसद के निर्देश के बाद जिलाधिकारी ने कुसुम त्यागी के परिवार से फोन पर संपर्क किया. उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को निर्देश दिए कि वे पीड़ित महिला से मिलकर उनकी समस्या का समाधान करें. इस पहल से कुसुम त्यागी को अब अपनी पेंशन बहाली की उम्मीद जगी है.
कुसुम त्यागी का आरोप है कि श्रीराम भगवान रूपी सांसद से गुहार लगाने और डीएम साहब के कहने के बाद भी अभी तक कोई अधिकारी घर नहीं आया है और न ही कोई कार्रवाई हुई है.
जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार से जब हमने इस बारे में बात करना चाहा तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर दिया और कहा कि हमें मामले की जानकारी है. मामले में जांच की जा रही है. जल्द कागजों में जीवित कर दिया जाएगा.
अब देखना यह है पिछले तीन वर्षों से कागजों में स्वयं को 'जीवित' घोषित कराने का कुसुम त्यागी का प्रयास सफल होता है या हापुड के जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार का नाकारापन फिर से देखने को मिलेगा.
(देवेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)
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