Winter care for Gudhal: सर्दियों में कर लेंगे ये 5 काम तो गर्मी भर सैकड़ों फूल देगा गमले में लगा गुड़हल का पौधा

सर्दियों में गुड़हल का पौधा अक्सर स्लीपिंग मोड में चला जाता है और फूल देना बंद कर देता है. तो चलिए जानते हैं इस सर्दियों में अपने गुड़हल के पौधे का ध्यान कैसे रखें कि वो आपको सालभर फूल देता रहे.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST
  • ठंड ज्यादा हो तो पौधे को घर में रखें.
  • सर्दी से पहले गुड़हल की प्रूनिंग कर दें

सर्दी के फूल अलग ही रंग लेकर आते हैं. इस मौसम में गुलदाउदी और डहलिया के साथ-साथ कैलेंडुला, नैस्टर्टियम, सिनेरेरिया आदि पौधे भी कई रंग के फूल लेकर आते हैं. लेकिन कई पौधों के लिए यह मौसम मुसीबत बनकर आता है जैसे गुड़हल (Hibiscus). सर्दियों में गुड़हल का पौधा अक्सर स्लीपिंग मोड में चला जाता है और फूल देना बंद कर देता है. तो चलिए जानते हैं इस सर्दियों में अपने गुड़हल के पौधे का ध्यान कैसे रखें कि वो आपको सालभर फूल देता रहे.

ठंड ज्यादा हो तो पौधे को घर में रखें
अगर आपका गुड़हल गमले में है तो जैसे ही तापमान 15°C से नीचे जाने लगे, पौधे को घर के अंदर किसी रोशनी वाली जगह पर रख दें. इससे पौधा ठंडी हवाओं और पाले से बचा रहेगा. अगर गुड़हल मिट्टी में लगा है, तो सर्दियों से पहले इसे सावधानी से खोदकर गमले में लगा लें. ध्यान रखें कि गमले में इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी ढीली और जल निकासी वाली होनी चाहिए.

हफ्ते में एक बार ही दें पानी
सर्दी से पहले गुड़हल की प्रूनिंग कर दें. इससे पौधा सर्दियों में खुद को आसानी से एडजस्ट कर लेते हैं. सर्दियों में पौधों की पानी की जरूरत काफी कम हो जाती है. जब गमले की मिट्टी की ऊपरी 1-2 इंच परत सूखी महसूस हो, तभी पानी दें. गुड़हल को सर्दियों में आमतौर पर हफ्ते में एक बार पानी देना पर्याप्त रहता है. ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं.

सर्दियों में न दें खाद
सर्दियों में पौधा आराम की अवस्था (dormant stage) में होता है, इसलिए इस दौरान खाद देना बंद कर दें. मार्च या वसंत ऋतु के आरंभ में जब पौधे में नई कोंपलें दिखने लगें, तब जैविक खाद डालना शुरू करें. इससे पौधे को ऊर्जा मिलेगी और नए फूल भरपूर खिलेंगे. जैसे ही दिन खिलना शुरू हो आप ये घर पर बनी हुई खाद अपने पौधे में डाल सकते हैं. इससे अगले सीजन पौधा जमकर फूल देगा.

केले के छिलकों की खाद: केले के छिलकों को छोटे टुकड़ों में काटकर सूखा लें और पाउडर बना लें. इसे पौधे की मिट्टी में मिलाने से पौधे को पोटैशियम मिलता है, जिससे फूल ज्यादा और बड़े आते हैं.

सरसों खली का घोल: 100 ग्राम सरसों खली को 1 लीटर पानी में 2-3 दिन तक भिगो दें. फिर इस घोल को छानकर 1:5 के अनुपात में पानी मिलाकर पौधे में डालें. यह फूलों की वृद्धि के लिए बहुत उपयोगी है.

किचन वेस्ट कम्पोस्ट: सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती और अंडे के छिलके मिलाकर कम्पोस्ट तैयार करें. यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और पौधे को हेल्दी रखता है.

गुड़हल एक बहुवर्षीय (perennial) पौधा है जो लगभग 4 से 8 फीट तक ऊंचा हो सकता है. इसमें लाल और सफेद फूल आते हैं. लाल फूल पूजा-पाठ में उपयोग होते हैं, वहीं सफेद गुड़हल औषधीय दृष्टि से मूल्यवान माना जाता है.

 

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