सर्दियों में ठंडी हवा और ओस के कारण ज्यादातर पौधों की ग्रोथ धीमी पड़ जाती है. इन्ही में से एक होता है अपराजिता का पौधा. गर्मियों में तो ये पौधा पत्तियों से ज्यादा फूल देता है लेकिन ठंड की शुरुआत होते ही इसके पत्ते पीले पड़कर गिरने लगते हैं. फूल आना तो दूर की बात है पौधे की ग्रोथ ही रुक जाती है.
ठंड के मौसम में पौधे की पत्तियां पीली पड़कर गिरने लगती हैं और जड़ें खराब हो सकती हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका अपराजिता का पौधा सर्दियों में भी फ्रेश, फूलों से भरा दिखे तो ये जरूरी उपाय आज ही कर लें.
अपराजिता के पौधे के सूखने का कारण
सर्दियों में अपराजिता के पौधे के सूखने के पीछे कई कारण होते हैं. पहला कारण है धूप की कमी. अपराजिता को कम से कम 6-7 घंटे की अच्छी धूप की जरूरत होती है. ठंड में दिन छोटे होने और धूप कम निकलने के कारण पौधा अपने पत्तों में खाना नहीं बना पाता, जिससे उसकी ग्रोथ रुक जाती है.
दूसरा कारण है कोहरा, जो पौधे की पत्तियों पर बुरा असर डालता है.
तीसरा कारण है अधिक पानी देना. ठंड में मिट्टी सूखती नहीं है, और बार-बार पानी देने से जड़ों में फंगस लग जाता है.
पौधे को बचाने के उपाय
अगर आपका अपराजिता का पौधा सूखने लगा है, तो सबसे पहले उसकी जगह बदलें. पौधे को ऐसी जगह रखें जहां उसे धूप मिले और कोहरे से बचाव हो. पानी की मात्रा कम करें और ध्यान दें कि मिट्टी गीली न हो. इसके अलावा, पौधे को इस समय अधिक खाद देने से बचें. अधिक खाद देने से जड़ें खराब हो सकती हैं.
हल्दी और लकड़ी की राख है सबसे अच्छी खाद
अपराजिता के पौधे को बचाने के लिए हल्दी और लकड़ी की राख का उपयोग बेहद प्रभावी है. हल्दी एक एंटीसेप्टिक है जो फंगस और कीड़ों से पौधे को बचाती है. इसके साथ ही, हल्दी पौधे को स्ट्रेस में जाने से रोकती है. हल्दी का उपयोग महीने में एक बार करें और इसे सूखी मिट्टी में डालें.
लकड़ी की राख में पोटैशियम और सल्फर होता है, जो पौधे को ठंड में सूखने से बचाता है. राख का उपयोग सीधे मिट्टी में या पानी में मिलाकर स्प्रे के रूप में किया जा सकता है. यह पौधे को स्ट्रेस से बचाने और उसकी पत्तियों को झड़ने से रोकने में मदद करता है.
हल्दी और राख का उपयोग पौधे को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. सही देखभाल से अपराजिता का पौधा सालों तक आपके गार्डन में बना रह सकता है.
कैसे लगा सकते हैं अपराजिता का पौधा
अपराजिता के पौधे को अपने घर पर बिल्कुल फ्री में उगा सकते हैं. इसे उगाने के लिए अगर आपके पास पहले से अपराजिता का पौधा हैं तो उसकी फलियां जब पककर सूख जाये तो उनको तोड़कर बीज निकाल लीजिए या फिर किसी परिचित से अपराजिता के बीज मांग लीजिए.
अपराजिता के बीजों को एक गिलास पानी में डालकर रातभर के लिए छोड़ दीजिए. अगले दिन बीजों को उगाने के लिए 60% मिट्टी और 40% वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद लीजिए और दोनों को अच्छे से मिक्स करके गमले में भर लीजिए. फिर मिट्टी में 1-1 इंच गहरा छेद करके उसमें बीजों को डाल दीजिए.
इसके बाद बीजों को मिट्टी से ढक दीजिए और पानी डालकर गमले को ऐसे जगह रख दीजिए, जहां सुबह की 4-5 घंटे की धूप आती हो. इसकी मिट्टी में हल्की नमी बनाकर रखें लेकिन ज्यादा पानी न डाले, नहीं तो बीज गल भी सकते हैं. लगभग 10 से 15 दिन में बीज अंकुरित होने लगेंगे.