डायबिटीज से लेकर कैंसर तक में असरदार है मोरिंगा, जानिए इसे गमले में लगाने का तरीका

मोरिंगा में 90 से ज्यादा पोषक तत्व, 46 एंटीऑक्सीडेंट्स और 36 एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स होते हैं, जो न सिर्फ डायबिटीज और दिल की बीमारियों से बचाते हैं, बल्कि कैंसर तक से लड़ने की ताकत देते हैं.

Moringa
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST
  • गमले में भी उग सकता है सहजन
  • बरसात में इम्यूनिटी बूस्टर की तरह करता है काम
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए मोरिंगा है औषधि

आपने सहजन की फली तो जरूर खाई होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पत्ते, बीज, छाल और फूल भी शरीर के लिए अमृत से कम नहीं माने जाते हैं. मोरिंगा (Moringa) को आयुर्वेद में चमत्कारी पेड़ माना गया है. WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इसे मल्टीविटामिन का बड़ा सोर्स बताया है, क्योंकि यह शरीर को वह सब कुछ देता है जो दवाइयां भी नहीं दे पातीं. मोरिंगा में 90 से ज्यादा पोषक तत्व, 46 एंटीऑक्सीडेंट्स और 36 एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स पाए जाते हैं. सबसे खास बात इसे आप अपने घर की छत या बालकनी में भी उगा सकते हैं, बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.

क्या गमले में सहजन उगा सकते हैं?

  • गमले में सहजन उगा सकते हैं. गमले में सहजन उगाने के लिए कम से कम 18 इंच गहरा और 16-20 इंच चौड़ा गमला चुनें.

  • मोरिंगा को कम से कम 6-8 घंटे सीधी धूप चाहिए होती है. इसे बालकनी, छत या ऐसी जगह रखें जहां सूरज की सीधी रोशनी आती हो.

  • आप सहजन को बीज से या तने की कटिंग से उगा सकते हैं. बीज 1 इंच गहराई में बोएं और मिट्टी को हल्का नम रखें. कटिंग से लगाने के लिए 1-2 फीट लंबी और मोटी टहनी लें.

  • रेतीली, अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी सबसे बेहतर है. आप 50% बगीचे की मिट्टी + 25% रेत + 25% गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिला सकते हैं. मोरिंगा को पानी कम दें, लेकिन नियमित दें. ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं.

  • गमले में सहजन का पेड़ ज्यादा ऊंचा नहीं होगा, लेकिन पत्तियां और फूल मिल सकते हैं. फलियां भी मिल सकती हैं, लेकिन इसके लिए पौधे को थोड़ा बड़ा और धूप अच्छी होनी चाहिए. जब पौधा 2-3 फीट का हो जाए, तो ऊपर से काट दें ताकि वह झाड़ी की तरह फैले और ज्यादा पत्तियां दे.

मोरिंगा खाने के फायदे

1. डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान
मोरिंगा के पत्तों में मौजूद कंपाउंड्स शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. स्टडीज में पाया गया है कि मोरिंगा पाउडर या जूस लेने से डायबिटिक मरीजों के शुगर लेवल में तेजी से सुधार होता है. मोरिंगा इंसुलिन की तरह काम करता है और पैनक्रियाज को हेल्दी रखता है.

2. दिल के लिए भी है रामबाण
मोरिंगा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की धमनियों को साफ रखने में मदद करते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल घटाता है और ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है. नियमित मोरिंगा खाने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 15-20% तक कम होता है.

3. कैंसर से लड़ने की ताकत देता है
मोरिंगा में नियाजिमिनिन नामक तत्व होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. खासकर ब्रेस्ट और कोलन कैंसर में इसका प्रभाव दिखा है.

4. इम्यूनिटी बूस्टर भी है
बरसात के मौसम में वायरल और डेंगू जैसे संक्रमण में मोरिंगा इम्यूनिटी बूस्टर का काम काम करता है. मोरिंगा में विटामिन C, A और E भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. जो लोग रोजाना मोरिंगा पाउडर या इनकी पत्तियों का जूस पीते हैं उनके शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता दोगुनी हो जाती है.

5. जोड़ों का दर्द और सूजन करता है कम
जिन्हें आर्थराइटिस या घुटनों में दर्द है, उनके लिए मोरिंगा के पत्ते औषधि से कम नहीं है. इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन हड्डियों को मजबूत करते हैं और सूजन कम करते हैं. मोरिंगा महिलाओं के हार्मोन संतुलन में मदद करता है. प्रेग्नेंसी के बाद स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह दूध बढ़ाने में भी सहायक है.

6. वजन घटाने में भी करता है मदद
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए मोरिंगा डाइट में शामिल करना बेहद फायदेमंद है. यह मेटाबॉलिज्म तेज करता है और शरीर की चर्बी घटाता है.

मोरिंगा का कैसे करें सेवन?

  • पत्तियां उबालकर सूप या सब्जी में 1 कप

  • पाउडर गुनगुने पानी या शहद के साथ 1-2 चम्मच रोज

  • जूस सुबह खाली पेट 30-50 ml

  • ज्यादा मात्रा में सेवन करने से पेट खराब हो सकता है.

  • प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीनों में डॉक्टर की सलाह से लें.

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