107 साल तक जीने वाली गेंदारानी की अनोखी अंतिम यात्रा...गाजे-बाजे के साथ मुस्कुराते हुए परिवार ने दी आखिरी विदाई

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच नगर में एक ऐसी अंतिम यात्रा निकली, जो विदाई के पारंपरिक गमगीन माहौल से परे, जीवन के उत्सव और परिजनों के गहरे प्रेम का प्रतीक बन गई.

107 Year Old Woman Unique Farewell
gnttv.com
  • जालौन,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच नगर में एक ऐसी अंतिम यात्रा देखने को मिली, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया. आमतौर पर जहां अंतिम यात्रा शोक, आंसुओं और गमगीन माहौल से जुड़ी होती है, वहीं 107 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वालीं गेंदारानी की विदाई बिल्कुल अलग नजर आई. परिजनों ने इसे मातम नहीं, बल्कि उनके लंबे और भरे पूरे जीवन के सम्मान और उत्सव के रूप में मनाया. इस अनोखी विदाई ने पूरे क्षेत्र का ध्यान खींचा.

डोली में सजी दुल्हन की तरह अंतिम विदाई
परिजनों ने गेंदारानी के अंतिम सफर को खास और यादगार बनाने के लिए पारंपरिक अर्थी की जगह सजी-धजी डोली का इस्तेमाल किया. डोली को रंग-बिरंगे फूलों से इस तरह सजाया गया था, मानो किसी दुल्हन की विदाई हो रही हो. गेंदारानी को सिर पर पगड़ी पहनाई गई और उन्हें दुल्हन की तरह सम्मान डोली में बैठाकर अंतिम यात्रा निकाली गई. इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे.

भक्ति गीतों और मंगल धुनों के बीच निकली यात्रा
इस अंतिम यात्रा की सबसे खास बात इसका माहौल रहा. शोक और विलाप के बजाय बैंड-बाजे और डीजे पर भक्ति गीत और पारंपरिक मंगल धुनें बजती रहीं. परिजनों का कहना था कि 107 वर्षों तक एक पूर्ण जीवन जीने के बाद यह विदाई दुख की नहीं, बल्कि आत्मा की शांति और मुक्ति का अवसर है. इसलिए उन्होंने आंसुओं की जगह मुस्कान और श्रद्धा के साथ अंतिम विदाई देने का फैसला किया.

देखने वालों की आंखें नम, सोशल मीडिया पर चर्चा
इस अनोखी अंतिम यात्रा को देखने के लिए रास्ते भर लोगों की भीड़ जुटती रही. कई लोग इस दृश्य को देखकर भावुक हो गए, तो कई ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक सोच का उदाहरण बताया. किसी ने मोबाइल में वीडियो रिकॉर्ड किया, तो किसी ने तस्वीरें खींचीं, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

-अलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट

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