अक्सर खाप पंचायतों को उनके द्वारा दिए गए आदेशों के लिए जाना जाता है. ऐसा ही आदेश उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की एक खाप पंचायत से आया है. जिसने बच्चों द्वारा स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. साथ ही पब्लिक प्लेस में हाफ पैंट पहनना प्रतिबंधित कर दिया है. उन्होंने लड़कों को कुर्ता-पजामा और लड़कियों के लिए सलवार-कमीज़ पहनने की फैसला दिया है.
पंचायत का कहना है ही पब्लिक प्लेस में हाफ पैंट पहनना समाज में खराब छवि छोड़ता है. साथ ही उनका मानना है कि लड़कों और लड़कियों दोनों पर इस तरह का नियम लागू हो. साथ ही यह भी कहा गया कि शादियों को मैरिज हॉल की जगह गांव और घरों में किया जाना चाहिए.
आखिर क्यों लिया गया फैसला?
खाप के लीडरों का कहना है कि बहुत कम बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए इस्तेमाल करते हैं. ज्यादातर बस फोन में समय बर्बाद करते हैं, जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पड़ता है. इसलिए 18 साल के कम उम्र से बच्चों को फोन देना ठीक नहीं है.
वहीं कपड़ों को लेकर दिए फैसले पर लीडरों का कहना है कि, हमें कोई आपत्ति नहीं कि कोई अपने घर में क्या पहनता है, लेकिन पब्लिक प्लेस में सादगी से भरे कपड़े पहनना जरूरी है. यह समाज के हित में है. इसके अलावा शादी को लेकर दिए फैसले को लेकर कहा कि मैरिज हॉल में होने वाली शादी से परिवारों के बीच संबंध कमज़ोर होते है. हालांकि शादी के आमंत्रण व्हॉट्सऐप पर भेजने पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई.
घर-घर पहुंचेगी खाप
खाप के लीडरों ने कहा कि वह लोगों से इन बातों पर अमल करवाने के लिए उनके घर जाएंगे. जहां वह उन्हें इन फैसलों की अहमियत बताएंगे, ताकि यह फैसले अमल में आ सकें. खाप लीडरों का कहना है कि इन फैसलों को लेकर कैंपेन भी चलाया जाएगा. कोशिश की जाएगी कि यह फैसले पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिए जाएं, उन्होंने बताया.
कांग्रेस के वरिष्ठ लीडर चौधरी यशपाल सिंह ने खाप पंचायत के फैसलों का समर्थम किया, साथ ही कहा कि यह फैसले समाज के जमीनी स्तर को देखते हुए लिए गए है. इनका मकसद है कि देश का युवा सही दिशा की ओर बढ़े. खाप के यह फैसले समाज में एकता और कल्चर को बचाए रखने में काफी मददगार साबित होंगे.