Toilet Seat Blast in Noida: नोएडा में टॉयलेट सीट फटने से झुलसा युवक... कैसे होता है टॉयलेट सीट में ब्लास्ट? जानिए इसके कारण और बचाव

नोएडा में हुए टॉयलेट ब्लास्ट में 20 साल का अंशुल बुरी तरह झुलस गया. अंशुल के शरीर का 35 प्रतिशत हिस्सा इस ब्लास्ट में झुलस गया. लेकिन क्या गारंटी हैै कि ऐसी घटना आपके घर में नहीं होगी? आइए जानते हैं कि आप किस तरह ऐसी दुर्घटना से बच सकते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

ग्रेटर नोएडा में वेस्टर्न टॉयलेट सीट में धमाका होने से एक छात्र के बुरी तरह झुलसने का मामला सामने आया है. सेक्टर-36 से सामने आए इस मामले में जब छात्र ने पानी फ्लश किया तो अचानक से धमाका हुआ और आग लग गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्र का 35 प्रतिशत शरीर झुलस गया है. फिलहाल उसे गंभीर हालत में जिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आपके टॉयलेट में भी इस तरह का ब्लास्ट हो सकता है? आइए समझते हैं इसके कारण और बचाव.

टॉयलेट में ब्लास्ट कैसे हुआ?
इस हादसे की वजह संभवतः मीथेन गैस है. लेकिन यह मीथेन गैस क्या बला है? दरअसल यह एक ज्वलनशील (जलने वाली) गैस है जो सीवर सिस्टम में कचरे और गंदगी के सड़ने से बनती है. अगर सीवर लाइन ठीक न हो तो यह गैस पाइपों में जमा हो सकती है. नोएडा के मामले में जब लड़के ने टॉयलेट सीट का फ्लश दबाया तो शायद मीथेन गैस टॉयलेट में इकट्ठा थी.

यह गैस किसी चिंगारी (spark) या बिजली के संपर्क में आई होगी. जैसे कि बाथरूम में कोई स्विच या एसी यूनिट से. गैस ने आग पकड़ी और तेज़ धमाका हुआ. टॉयलेट सीट फट गई और आग की लपटों ने लड़के को जख्मी कर दिया. एक सवाल यह भी है कि मीथेन गैस से इतना बड़ा धमाका होना मुश्किल है क्योंकि इसके लिए बहुत सारी गैस चाहिए.
 

ग्रेटर नोएडा में हुए हादसे के बाद की तस्वीर

इसका एक जवाब यह है कि टॉयलेट का पाइप या तो जाम था, या फिर कहीं से लीक हो रहा था. ऐसे में मीथेन गैस टॉयलेट में इकट्ठा हो गई इसलिए धमाका हुआ. इन बातों की हालांकि अभी पुष्टि नहीं की जा सकती. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने IIT के एक्सपर्ट्स से जांच कराने का फैसला किया है और उसके बाद ही असली कारण का पता लगाया जा सकेगा.

घर में न हो ऐसा हादसा, बरतें एहतियात 
अब सवाल यह है कि आप अपने घर में ऐसा हादसा होने से कैसे रोक सकते हैं. इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है. सबसे पहले आप अपने घर की सीवर लाइन चेक करें. अगर कहीं रुकावट या लीकेज है तो उसे तुरंत ठीक करवाएं. पुराने घरों में वेंट पाइप होते थे जो मीथेन गैस को बाहर निकालते थे. अगर आपके घर या फ्लैट में ऐसा कोई पाइप नहीं है तो प्लंबर से संपर्क करके एक पाइप लगवाएं. 

इसके अलावा टॉयलेट में वेंटिलेशन भी ज़रूरी है. अगर आपके टॉयलेट में खिड़की या एग्जॉस्ट फैन नहीं है तो इसका इंतज़ाम करें. इससे गैस बाहर निकलती रहेगी और जमा नहीं होगी. टॉयलेट का दरवाजा भी इस्तेमाल के बाद खुला छोड़ दें, ताकि हवा आती-जाती रहे. यह भी ध्यान रखें कि टॉयलेट का दरवाज़ा फर्श से एकदम लगा हुआ न हो. फर्श और दरवाज़े के बीच थोड़ी जगह हो, ताकि गैस अंदर जमा न हो सके. 

सबसे ज़रूरी, टॉयलेट में कोई बिजली का स्विच, प्लग या एसी यूनिट पास में है तो चेक करें कि वह सही हालत में है. खराब वायरिंग से चिंगारी निकल सकती है जो गैस को भड़का सकती है. 

अगर बाथरूम में गीजर या कोई इलेक्ट्रिक डिवाइस है तो उसे नियमित चेक करवाएं. हालांकि बेहतर होगा कि आप टॉयलेट में कोई बिजली का स्विच या उपकरण रखें ही ना. इसके बाद भी अगर कभी टॉयलेट से अजीब सी गंध आ रही हो तो तुरंत प्लंबर को बुला लें. यह मीथेन गैस का संकेत हो सकता है. 

Read more!

RECOMMENDED