बिहार के समस्तीपुर जिले के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में 'लीची खाओ इनाम पाओ' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें एक महिला कृषि वैज्ञानिक ने 3 मिनट के अंदर 23 लीची खाने का रिकॉर्ड बना डाली. इस लीची खाओ प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के कुलपति रजिस्ट्रार सहित सभी कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया था. बता दें कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर की ओर से लीची महोत्सव का आयोजन किया गया था.
सालभर लीची उत्पादन करने पर फोकस-
इस सेमिनार में बिहार की शान कहे जाने वाले लीची का उत्पादन सालभर कैसे हो और लीची के पेड़ से क्लाइमेट चेंज के प्रभाव को कैसे मेंटेन करके लंबे समय तक उत्पादन किया जाए, इसपर रिसर्च करने की बात कही गई. ताकि किसानों को उसके उत्पादन का उचित मूल्य मिल सकें.
इतना ही नहीं, जिस तरह से अन्य फलों को लंबे समय तक रखा जाता है, उसी तरह लीची को भी किस तरह से लंबे समय तक रखा जा सकता है, इसपर वैज्ञानिकों को रिसर्च करने की बात कही गई.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय में लीची और शहद को मिलाकर जूस बनाया जा रहा है. इसके साथ ही लीची नींबू, लीची आंवला को मिलाकर भी कई तरह के प्रोडक्ट्स तैयार किए रहे हैं. जल्द ही इसे बाजार में लॉन्च किया जाएगा. इसके साथ ही महीनों तक लीची फल को पेड़ से तोड़ने के बाद कैसे सुरक्षित रखा जाए? इसपर रिसर्च लगभग अंतिम चरण में है. जल्द ही हम लीची को लंबे समय तक रखने के उपाय पर किए गए रिसर्च को किसानों के समक्ष रखेंगे.
3 मिनट में 23 लीची खाकर बनाया रिकॉर्ड-
लीची महोत्सव पर आयोजित सेमिनार के पहले सत्र की समाप्ति के बाद 'लीची खाओ, इनाम पाओ' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के कुलपति रजिस्ट्रार सहित कृषि वैज्ञानिकों और छात्रों ने हिस्सा लिया. 3 मिनट में सबसे अधिक लीची खाने का लक्ष्य रखा गया था. इस क्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ. शाइस्ता तबस्सुम ने तीन मिनट में 23 लीची खाकर यह प्रतियोगिता अपने नाम कर ली. कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने बताया कि लीची महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा लोग भाग लें, उसको लेकर लीची खाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. ये सब करके माहौल बना रहे कि लीची का महत्व और बढ़े. इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुलपति के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
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