भारत के हर राज्य की अपनी एक अनोखी पहचान होती है. वही पहचान उसकी थाली में भी दिखती है. बिहार की बात हो और सत्तू का ज़िक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. लेकिन जहां सत्तू को लोग आमतौर पर पराठे या शरबत के रूप में जानते हैं, वहीं बहुत कम लोगों को पता है कि इससे एक बेहतरीन, चटपटी और सेहत से भरपूर सत्तू की चटनी भी बनाई जाती है.
यह सत्तू चटनी स्वाद में जितनी ज़बरदस्त होती है, सेहत के मामले में उतनी ही बेहतरीन क्योंकि इसमें प्रोटीन 'कूट-कूटकर' भरा होता है. सत्तू दरअसल भुने हुए चने को पीसकर बनाया जाता है. इसी वजह से यह प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम का बढ़िया स्रोत होता है. खासकर गर्मियों में यह शरीर को ठंडक देता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है.
सत्तू प्रमुख रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में खाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे पूरे भारत में लोग इसे पसंद करने लगे हैं. सत्तू की चटनी को आप चावल, पराठा, लिट्टी या यहां तक कि रोटी के साथ खा सकते हैं. यह हर जगह फिट बैठती है. आइए जानते हैं घर पर सत्तू की चटनी बनाने का आसान तरीका.
इंग्रीडिएंट (2-3 लोगों के लिए):
बनाने की विधि :
कैसे परोसें?
बहुत फायदेमंद है चटनी
यह सत्तू की चटनी बेहद फुर्ती से बनने वाली रेसिपी है और इसका स्वाद, खासकर सरसों तेल और लहसुन के साथ, इतना देसी है कि एक बार खाओ तो बार-बार बनाओ. इसमें न सिर्फ ढेर सारा प्रोटीन होता है, बल्कि एक तरह का कूलिंग इफेक्ट भी होता है जो गर्मियों में शरीर को ठंडा रखता है. इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी, पेट साफ रखती है. आज जब लोग महंगे हेल्थ ड्रिंक्स और हाई-प्रोटीन डाइट की तरफ भाग रहे हैं, तब बिहार की ये सादगी भरी चटनी याद दिलाती है कि असली ताकत हमारे देसी खानपान में ही छुपी है.