Van Rani back on track: 4 साल बाद पटरी पर लौटी 'वन रानी', बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की यादें फिर होंगी ताजा

अब यह ट्रेन केवल सवारी का माध्यम नहीं रह गई है. इसे एक ‘मूविंग जंगल क्लासरूम’ के रूप में विकसित किया गया है. ट्रेन में लगे इन्फॉर्मेशन पैनल्स से बच्चों को हिरण, तेंदुआ, पक्षियों और बायोडायवर्सिटी के बारे में जानकारी मिलेगी.

वन रानी टॉय ट्रेन
gnttv.com
  • मुंबई ,
  • 22 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST

मुंबई के लोगों के लिए खुशखबरी है! देश की आर्थिक राजधानी में स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (SGNP) की लोकप्रिय टॉय ट्रेन ‘वन रानी’ आखिरकार चार साल बाद फिर से पटरी पर लौटने को तैयार है. यह वही ट्रेन है जिसकी सीटों पर कभी बच्चे खुशी से उछलते थे, बुज़ुर्ग जंगल के नज़ारों का आनंद लेते थे और परिवार साथ में इस छोटी-सी यात्रा को जिंदगी भर की यादों में दर्ज करते थे.

अब 2021 में आए चक्रवात तौक्ते से हुई भारी क्षति के बाद बंद हुई यह ट्रेन अगस्त के पहले सप्ताह तक नए रंग-रूप और इलेक्ट्रिक अवतार में शुरू होने जा रही है.

1974 से लेकर अब तक 
106.95 वर्ग किलोमीटर में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान में टॉय ट्रेन सेवा पहली बार 1974 में शुरू हुई थी. तब से लेकर 2021 तक, यह ट्रेन न केवल एक पर्यटक आकर्षण रही, बल्कि मुंबई की ग्रीन बेल्ट में एक पारिवारिक परंपरा बन गई थी. बच्चे हो या दादी-नानी, हर किसी की यादों में वन रानी एक खास जगह रखती है.

क्या है नई वन रानी में खास?
डायरेक्टर अनीता पाटिल के मुताबिक, इस बार की वन रानी सिर्फ टॉय ट्रेन नहीं, बल्कि प्राकृतिक शिक्षा और रोमांच का अनुभव है.

  • 2.3 किलोमीटर का नया ट्रैक पूरी तरह से बिछाया गया है.
  • रास्ते में पड़ने वाले 17 पुलों का दोबारा निर्माण किया गया है, जिससे यात्रा और भी सुरक्षित हो गई है.
  • ट्रेन में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक इंजन लगाया गया है, जो पर्यावरण के अनुकूल है.
  • हर कोच में फैन और रेडियो की सुविधा है.
  • कोच की दीवारों पर पार्क में मौजूद जीव-जंतुओं और पक्षियों की तस्वीरें छपी हैं.

टिकट नहीं, अब मिलेगा वन्यजीवन का पाठ
अब यह ट्रेन केवल सवारी का माध्यम नहीं रह गई है. इसे एक ‘मूविंग जंगल क्लासरूम’ के रूप में विकसित किया गया है. ट्रेन में लगे इन्फॉर्मेशन पैनल्स से बच्चों को हिरण, तेंदुआ, पक्षियों और बायोडायवर्सिटी के बारे में जानकारी मिलेगी.

साथ ही रास्ते में नजर आएंगे हिरण पार्क के मनोरम दृश्य और जंगल के बीच से गुजरती इलेक्ट्रिक ट्रेन की एक शांति भरी रोमांचक झलक.

कहां तक पहुंचा काम?

  • 30 जून को ट्रायल रन किया गया, जो सफल रहा.
  • 5 जुलाई को फुल कैपेसिटी टेस्ट पास किया गया.
  • कृष्णगिरी स्टेशन का प्लेटफॉर्म, रैंप और बिल्डिंग लगभग तैयार है.
  • तीन मूर्ति स्टेशन का प्लेटफॉर्म बन गया है, स्टेशन शेड का काम 25 जुलाई तक पूरा हो जाएगा.

वन रानी एक दिन में कम से कम 20 राउंड लगाएगी. एक बार में चार कोच में करीब 80 लोग बैठ सकेंगे. एक चक्कर करीब 20 मिनट का होगा.

(रिपोर्ट: धर्मेंद्र दुबे)
 

 

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