कई बार देखा जाता है कि जब किसी महिला-पुरुष रिश्ते में होते हैं, और उनके बीच मतभेद हो जाता है या किसी बात को लेकर झगड़ा हो जाता है. तो दोनों के रवैये में काफी फर्क देखा जाता है. जहां एक तरफ महिला अपनी बातों को लगातार बताती रहती है, तो वहीं पुरुष या तो उन्हें चुपचाप सुनता है या फिर उस जगह से चला जाता है. इस चीज़ को समाज में कई बार इस बार भी देखा जाता है कि महिला ज्यादा 'ड्रामा' कर रही है. लेकिन जिस प्रकार का महिला का रिएक्शन होता है, उसके पीछे विज्ञान छिपा होता है. जिससे शायद कई लोग अनजान होते हैं.
क्यों होते हैं दोनों के रिएशन अलग
न्यूज 18 (अंग्रेजी) पर छपी एक खबर के अनुसार दोनों के रवैये में जो फर्क होता है. उसके पीछे एक विज्ञान का तर्क है. दरअसल झगड़े के दौरान महिला तनाव की स्थिति में आ जाती है. उस दौरान उसके दिमाग से एक ऑक्सितोसिन नामक हार्मोन निकलता है. यह हार्मोन उसे संदेश देता है कि वह बैठे और चीज़ों को सुलझाए, अपनी बात को सामने वाले के सामने रखे.
तो वहीं पुरुषों के मामले में कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन रीलिज़ होता है. यह हार्मोन उन्हें संदेश देता है कि वह खामोश रहें या फिर स्थिति से निकलने के लिए कहीं बाहर निकल जाएं. यानि महिलाओं और पुरुषों दोनों के ही मामलों के स्ट्रेस पैदा होता है. लेकिन केवल हार्मोन के फर्क के उनके रवैये में फर्क पैदा होता है.
महिलाएं क्यों होती हैं इमोश्नल
कई बार जब महिलाएं अपनी परेशानी पुरुष को बताने की कोशिश कर रही होती हैं, तो पुरुषों को वह बात काफी छोटी लग रही होती है. लेकिन महिलाओं का दिमाग इस तरह से डिजाइन होता है कि वह अपने इमोशन को शब्दों में जल्दी से पिरो लेती हैं. जिससे वह किसी भी बात को आपको फौरन बताती है. वह बेशक उस चीज़ का हल न मांग रही हों. लेकिन वह केवल चाहती हैं कि कोई उनकी बात को सुने.
छोटी-छोटी बातें रहती हैं याद
कई बार महिलाएं ऐसी बातों को आपके सामने पेश कर देती है, जो महीनों पहले हुई हो और आपको याद भी नहीं होती है. लेकिन इसमें भी महिलाओं के दिमाग को ही महारत हासिल हुई होती है. दरअसल उनका दिमाग इमोश्नल मेमोरी को लेकर काफी तेज़ होता है.
किसी भी विवाद में महिला-पुरुष के रिश्ते के लिए बेहतर है कि पुरुष महिला की बात को सुने और उसे समझने की कोशिश करे. उसे यह बिलकुल नहीं सोचना चाहिए कि ओवररिएक्ट किया जा रहा है. साथ ही आपको भी किसी विवाद के दौरान वहां से जाना नहीं चाहिए, बल्कि साथ बैठ बात को सुन सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए. इससे आप दोनों के बीच का रिश्ता बेहतर बना रहता है.