दुनिया भर में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जब विदेश यात्रा पर निकलते हैं, तो यह सिर्फ कूटनीतिक दौरा नहीं होता बल्कि रहस्यमयी सुरक्षा इंतजामों और हैरान कर देने वाली प्रथाओं का भी प्रदर्शन होता है. हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के “पूप सूटकेस” (मल ले जाने वाला सूटकेस) की चर्चा ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं. बताया गया कि पुतिन जहां भी जाते हैं, उनके बाथरूम का कचरा तक एक विशेष सूटकेस में पैक करके रूस वापस ले जाया जाता है, ताकि उनकी सेहत और डीएनए की जानकारी किसी भी विदेशी एजेंसी के हाथ न लग सके.
यह मामला सिर्फ पुतिन तक सीमित नहीं है. दुनिया के कई नेताओं की विदेश यात्राओं में ऐसे अनोखे और अजीबोगरीब सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं, जिन्हें जानकर आम इंसान के होश उड़ सकते हैं.
पुतिन का "पूप सूटकेस"
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब विदेश दौरे पर जाते हैं तो उनके साथ सुरक्षाबलों का पूरा जत्था और डॉक्टरों की एक खास टीम चलती है. कहा जाता है कि पुतिन किसी भी विदेशी देश में अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करते. उनके मल और पेशाब का हर अंश एक विशेष किट में इकट्ठा करके मॉस्को वापस ले जाया जाता है.
इसका कारण है कि पश्चिमी खुफिया एजेंसियां किसी भी नेता के मल या मूत्र का वैज्ञानिक विश्लेषण करके उनकी बीमारियों, स्वास्थ्य की स्थिति और डीएनए प्रोफ़ाइल तक का पता लगा सकती हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति और “ग्लास टेस्ट”
अमेरिकी राष्ट्रपति जहां भी रुकते हैं, वहां सुरक्षा एजेंसियां हर चीज़ की जांच करती हैं. बताया जाता है कि होटल में दिए जाने वाले पानी के गिलास तक का पहले केमिकल और जहर की जांच की जाती है. न सिर्फ गिलास, बल्कि तकिया, बिस्तर और टॉयलेट पेपर तक पर “गुप्त जांच” होती है.
इतना ही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल होने वाला खाना अलग किचन में पकाया जाता है और शेफ पर लगातार सीक्रेट सर्विस की नजर रहती है.
किम जोंग उन का "निजी फूड ट्रक"
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी यात्राओं में इतना संदेह करते हैं कि वे अपना खाना, बर्तन और यहां तक कि पानी भी अपने देश से ले जाते हैं. कहा जाता है कि उनके पास एक पूरा “फूड ट्रक” रहता है जिसमें से उनका खाना पकता है. उन्हें डर रहता है कि बाहर का खाना जहरयुक्त हो सकता है.
ओबामा का “बीस्ट कार”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौरों में उनकी कार सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरती थी. “द बीस्ट” नाम की यह कार इतनी मजबूत है कि उस पर बम और गोलियां असर नहीं करतीं. इस कार के साथ हमेशा खून के पैकेट (राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप के) और ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद रहते थे.
ब्रिटिश राजघराने का “खास नियम”
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (अब दिवंगत) की यात्राओं में एक अनोखा नियम था- जैसे ही महारानी खाना छोड़ देती थीं, बाकी सबको भी खाना छोड़ना पड़ता था. साथ ही, उनके लिए बर्तन और कटलरी अलग पैक होकर जाते थे.
क्यों अपनाते हैं नेता ये अजीब प्रथाएं?
इन सभी प्रथाओं का मकसद एक ही है- सुरक्षा और सेहत. एक छोटी-सी लापरवाही किसी भी देश के सर्वोच्च नेता के लिए खतरा बन सकती है.
नेताओं की ये यात्राएं दिखाती हैं कि उनके लिए हर छोटा-सा पहलू भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा होता है. पुतिन का “पूप सूटकेस” हो या किम जोंग उन का फूड ट्रक- ये सब दुनिया को अजीब लग सकते हैं, लेकिन इन प्रथाओं के पीछे डर, सुरक्षा और राजनीति का गहरा रिश्ता छिपा है.