भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में भक्ति की अनेक कहानियां देखने को मिलती हैं, लेकिन मुजफ्फरनगर में इस बार एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सभी को भावुक कर दिया. यहां 10 साल का मासूम बच्चा ‘दंडवत कांवड़’ की कठिन यात्रा करता नजर आया. जब इसकी वजह सामने आई, तो हर कोई भगवान शिव के इस भक्त को देख नतमस्तक हो गया.
भाई के लिए मांगी मन्नत, अब निभा रहा है वादा
दरअसल, शामली जनपद का रहने वाला 17 वर्षीय शिवम कैंसर से पीड़ित था. जब परिवार इलाज में जुटा था, उसी वक्त शिवम के 10 वर्षीय छोटे भाई कृष्णा ने भोलेनाथ से एक मन्नत मांगी. उसने भगवान शिव से कहा, "अगर मेरा भाई ठीक हो गया, तो मैं दंडवत कांवड़ लेकर आऊंगा." शिवम अब पहले से बेहतर है और इसी वादे को पूरा करने के लिए छोटा भाई कृष्णा हरिद्वार से दंडवत कांवड़ लेकर निकला है.
रोज करता है 10 किलोमीटर दंडवत यात्रा
कृष्णा ने हरिद्वार के हर की पौड़ी से गंगाजल उठाया और अब वह दंडवत रोजाना 10 किलोमीटर की दूरी तय कर रहा है. उसके साथ बड़ा भाई शिवम और अन्य परिवारजन भी पैदल यात्रा कर रहे हैं. शिवरात्रि के दिन ये सभी शामली में भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. कृष्णा का कहना है कि जब थक जाते हैं तो जहां जगह मिलती है, वहीं रुक जाते हैं और फिर कुछ देर बाद यात्रा दोबारा शुरू कर देते हैं. उसकी आस्था और लगन को देखकर राहगीर भी उसकी मदद कर रहे हैं.
लोग हुए भावुक, देखकर कर रहे प्रणाम
रास्ते में जो भी कृष्णा को दंडवत करते देखते हैं, रुककर उसकी भक्ति को प्रणाम करते हैं. कोई उसे पानी पिलाता है, तो कोई खाना देता है. लोग कहते हैं, आज के जमाने में इतना छोटा बच्चा अगर इस तरह अपने भाई के लिए मन्नत पूरी कर रहा है, तो यह भक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण है. कृष्णा की ये यात्रा न सिर्फ भक्ति की मिसाल है, बल्कि हजारों लोगों के लिए प्रेरणा भी बन चुकी है.
मुजफ्फरनगर से संदीप सैनी की रिपोर्ट