Chhath Puja: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ का शुभारंभ 25 अक्टूबर से हो रहा है. 27 अक्टूबर को भगवान भास्कर को संध्याकालीन अर्घ्य और 28 अक्टूबर 2025 को उगते सूर्य देव (Surya Dev) को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पर्व पर छठी मैया और सूर्य देव की पूजा की जाती है. यह पर्व संतान के स्वास्थ्य, सफलता और लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है. कई श्रद्धालु मनोकामना पूरी होने पर भी इस व्रत को रखते हैं.
कौन हैं छठी मैया
हिंदू धर्मग्रंथों में छठी मैया को सूर्य देव की बहन बताया गया है. छठी मैया का नाम षष्ठी भी है. पौराणिक कथा के मुताबिक जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तब उन्होंने संतानों की रक्षा और वृद्धि के लिए देवी षष्ठी को सृजित किया. तभी से माता षष्ठी को हर नवजात की रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाने लगा. छठ पूजा के दौरान सूर्य भगवान के साथ छठी मैया की भी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि छठी मैया अपने भक्त के संतान को निरोगी, दीर्घायु और भाग्यशाली बनाती हैं.
चार दिवसीय छठ पूजा में किस दिन और क्या होगा
1. 25 अक्टूबर 2025, दिन शनिवारः नहाय-खाय... इस दिन महिलाएं स्नान कर घर को शुद्ध करती हैं और लौकी-चना दाल का प्रसाद बनाकर खाती हैं.
2. 26 अक्टूबर 2025, दिन रविवारः खरना... छठ व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर और रोटी खाकर व्रत का शुभारंभ करती हैं.
3. 27 अक्टूबर 2025, दिन सोमवारः संध्याकालीन अर्घ्य... इस दिन डूबते सूर्य देव को जल, दूध और फूलों से अर्घ्य दिया जाता है. महिला हो पुरुष छठ व्रती दोनों पानी में खड़े होकर सूर्य देव की आराधना करते हैं.
4. 28 अक्टूबर 2025, दिन मंगलवारः प्रातःकालीन अर्घ्य... इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाता है. इसके बाद परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण किया जाता है.
छठ पूजा के लिए कौन-कौन सी चाहिए सामग्री
ठेकुआ, फल-फूल, नारियल, दीपक, अगरबत्ती, सिंदूर, हल्दी, करवा, सुप, सुप में प्रसाद और अर्घ्य की वस्तुएं रखी जाती हैं. करवा में जल भरकर सूर्यदेव को अर्पित किया जाता है. गन्ना, मूली, पान, सुपारी, लौंग, इलायची.
सूर्य देव को अर्घ्य देने का सामान
बांस का सुप या दउरा, लोटा, दीपक, पुष्प, मौसमी फल, ठेकुआ, लाल या पीले कपड़े,अर्घ्य के लिए दूध, जल, चंदन.