Ganpati Utsav: एक हाथ से रंगों में ढालती गणपति बप्पा की प्रतिमाएं! अमरावती की भावना लोगों को दे रहीं प्रेरणा

बचपन से ही भावना को रंगों से खेलने का शौक था. पिता ने कभी उनके शौक को रोका नहीं, लेकिन उसे आगे बढ़ाने का अवसर भी नहीं मिला. किस्मत देखिए, उनकी शादी ऐसे घर में हुई जहां पीढ़ियों से गणेश और माता की प्रतिमाएं बनती आई हैं. यही से उनके रंगों को नया मंच मिला और हुनर को नई उड़ान.

One-handed artist Bhavana Gujare
gnttv.com
  • अमरावती,
  • 25 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST

कहते हैं कि सच्चा हुनर किसी रुकावट का मोहताज नहीं होता. इस बात को सच कर दिखाया है अमरावती की रहने वाली भावना गुजरे ने, जो जन्म से ही एक हाथ से दिव्यांग हैं. लेकिन उनकी यह कमी आज उनकी सबसे बड़ी ताकत बन गई है. वह अपने रंगों और कला से गणपति बप्पा की प्रतिमाओं में इतना जीवन भर देती हैं कि देखने वाला हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठता है.

पति बनाते हैं मूर्ति, भावना देती हैं उसे जीवन

भावना के पति अंकुश गुजरे परंपरागत रूप से वर्षों से गणेश और दुर्गा माता की प्रतिमाएं बनाते हैं. मिट्टी से बनी इन मूर्तियों को अंतिम रूप देने और उन्हें जीवंत बनाने का काम भावना करती हैं. अपने रंगों के जादू से वह मूर्तियों को ऐसा स्पर्श देती हैं कि प्रतिमा सचमुच बोल उठती है.

भावना मुस्कुराते हुए कहती हैं, “भगवान ने मुझे एक ही हाथ दिया, लेकिन बदले में ऐसा हुनर दिया है जिससे मैं बप्पा को सजाने-संवारने का सौभाग्य पा रही हूं. यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी और खुशी है.”

बचपन का शौक, शादी के बाद मिला मंच

बचपन से ही भावना को रंगों से खेलने का शौक था. पिता ने कभी उनके शौक को रोका नहीं, लेकिन उसे आगे बढ़ाने का अवसर भी नहीं मिला. किस्मत देखिए, उनकी शादी ऐसे घर में हुई जहां पीढ़ियों से गणेश और माता की प्रतिमाएं बनती आई हैं. यही से उनके रंगों को नया मंच मिला और हुनर को नई उड़ान.

आर्ट टीचर भी हैं, बच्चों को देती हैं प्रेरणा

भावना केवल घर की परंपरा को आगे नहीं बढ़ा रहीं, बल्कि एक कॉलेज में आर्ट अध्यापिका के रूप में भी अपनी कला का जादू बिखेर रही हैं. उनके स्टूडेंट्स कहते हैं कि “मैडम के हाथों में अद्भुत जादू है.” उनका रंग संयोजन देखकर हर कोई दंग रह जाता है.

दिव्यांगता नहीं, हौसले की पहचान

भावना की यह यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो दिव्यांगता को कमजोरी मान लेता है. भावना ने दिखा दिया है कि असली ताकत शरीर में नहीं, हौसले और आत्मविश्वास में छिपी होती है. वे कहती हैं, “हुनर किसी का मोहताज नहीं होता, और अगर जज्बा सच्चा हो तो एक हाथ से भी गणपति बप्पा को जीवन दिया जा सकता है.”

यह सिर्फ कला की कहानी नहीं, बल्कि साहस, आत्मविश्वास और प्रेरणा का संदेश है. अमरावती की भावना गुजरे हमें यह सिखाती हैं कि भगवान ने जैसा भी बनाया है, उसी रूप में सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है.

(धनञ्जय साबले की रिपोर्ट)

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