भारतीय शतरंज खिलाड़ी निहाल सरीन आज अपना 18वां जन्मदिन मना रहे हैं. निहाल को शतरंज की दुनिया में विलक्षण माना जाता है क्योंकि उन्होंने 14 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया था. वह 2600 के एलो रेटिंग के निशान को पार करने वाले इतिहास के चौथे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी हैं. जिन्होंने 14 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की.
बचपन से ही प्रतिभावान हैं निहाल
केरल के त्रिशूर में जन्मे निहाल बचपन से ही कमाल करते आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सात्र 3 साल की उम्र में निहाल को 190 देशों की राजधानी के नाम याद थे और इन देशों के झंडो को भी वह पहचान लेते थे. निहाल के पिता सरीन अब्दुलसलम एक डर्मेटॉलोजिस्ट (त्वचा विशेषज्ञ) हैं और उनकी मां शिजिन अम्मानम वीटिल उमर एक मनोचिकित्सक हैं.
बहुत छोटी उम्र से ही निहाल को कीड़ों और पौधों के वैज्ञानिक नाम याद रहते हैं. 6 साल की उम्र से ही वह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं. इसी उम्र में उन्हें शतरंज से प्यार हो गया था. दरअसल, स्कूल की छुट्टियों के दौरान निहाल ऊबे नहीं इसलिए उनके पिता ने उन्हें एक शतरंज गिफ्ट किया.
बताया जाता है कि शतरंज में निहाल के पहले गुरु उनके दादा ए. ए. उमर रहे. अपने दादा से उन्होंने शतरंज के नियम सीखे और फिर खेलना शुरू किया.
अपने नाम किए हैं कई कीर्तिमान
निहाल ने साल 2011 में अंडर-07 वर्ग में केरल राज्य चैंपियनशिप, अंडर-09 का खिताब दो बार, अंडर-11 खिताब दो बार और अंडर-15 (सब-जूनियर) का खिताब एक बार जीता. वह 2015 में स्टेट सीनियर चैंपियनशिप में उपविजेता बने.
10 साल की उम्र में ही निहाल राष्ट्रीय चैलेंजर्स चैम्पियनशिप 2015 में केरल का प्रतिनिधित्व करने के योग्य थे. उन्होंने स्टेट अंडर-19 चैंपियनशिप खेली और वह दो बार उपविजेता (8 और 10 वर्ष की आयु) रहे. साल 2018 में निहाल को 14 साल की उम्र में ग्रैंड मास्टर की उपाधि मिली. निहाल भारत के 53वें ग्रैंडमास्टर बने. वह दुनिया के 12वें सबसे कम उम्र के GM हैं.
FIDE शतरंज ओलंपियाड 2020 में निहाल उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने 2020 में रैपिड प्रारूप में ऑनलाइन आयोजित अंडर-18 विश्व युवा चैम्पियनशिप जीती. निहाल शतरंज में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि वह एक दिन विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक भी जीतेंगे.