पूर्व बर्दवान डिस्ट्रिक्ट वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन की पहल पर ग्रामीण युवाओं में भारोत्तोलन को बढ़ावा देने और इसके प्रसार के मकसद से बर्दवान शहर में पश्चिम बंगाल राज्य 76वीं वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. साथ ही, राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन भी किया गया.
300 से अधिक वेटलिफ्टर शामिल हुए-
इस प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं में से राष्ट्रीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता में पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व करने के प्रतियोगी चयन किया जाएगा. इस प्रतियोगिता में 13 जिलों के 300 से अधिक प्रतियोगियों ने भाग लिया. महिलाओं ने प्रतियोगिता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लगभग 85 महिला प्रतियोगियों ने भाग लिया. जिसमें अंतरराष्ट्रीय महिला वेटलिफ्टर राखी हलदर और उनकी बेटी ने भी भाग लिया.
पश्चिम बंगाल राज्य भारोत्तोलन चैम्पियनशिप का आयोजन पूर्व बर्दवान डिस्ट्रिक्ट वेइटलिफ्टिंग एसोसिएशन की पहल पर बर्दवान शहर के कालो बाजार स्थित पूर्व बर्दवान जिला कबड्डी एसोसिएशन के मैदान में किया गया.
प्रतियोगिता का उद्घाटन राज्य के मंत्री मंत्री स्वपन देबनाथ ने किया. स्वपन देबनाथ ने कहा कि बहुत से लड़के भारोत्तोलन में आना नहीं चाहते, बहुत से लोग इसके बारे में जानते ही नहीं. लेकिन आज की उपस्थिति यह साबित करती है कि आपमें से कितने लोग इस खेल से प्यार करते हैं.
कार्यक्रम में मंत्री स्वपन देबनाथ के अलावा बीडीए अध्यक्ष उज्ज्वल प्रमाणिक, नगर पालिका अध्यक्ष परेश चंद्र सरकार, पार्षद रासबिहारी हलदर, शिखा सेनगुप्ता और अन्य खेल प्रेमी उपस्थित थे.
हर साल बड़ी हो रही प्रतियोगी-
राज्य भारोत्तोलन चैम्पियनशिप के उपाध्यक्ष और भारतीय रेलवे भारोत्तोलन टीम के कोच शैलेन्द्रनाथ डबसी ने कहा कि हमारे समय में, 50 साल पहले, भारोत्तोलन में अधिक प्रतिस्पर्धी भाग लेते थे. राज्य चैंपियनशिप प्रतियोगिता पहले चार या तीन दिन चलती थी. लेकिन बीच में प्रतियोगि पूरी तरह से कम हो गया. प्रतियोगियों की कम संख्या के कारण, इसे एक दिन में ही पूरा कर लिया जाता था. इस साल इसमें तीन दिन लगे. उम्मीद है कि अगले साल प्रतियोगियों की संख्या और बढ़ेगी.
राज्य में वेटलिफ्टिंग को मदद मिलनी चाहिए- हलदार
अंतरराष्ट्रीय महिला वेटलिफ्टर राखी हलदार ने कहा कि सबसे प्रतिभाशाली पश्चिम बंगाल के वेटलिफ्टर्स हैं. लेकिन सभी को इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा. राज्य को भी मदद करने वाले हाथ का विस्तार करना चाहिए. क्योंकि नेशनल्स में मेडल लाने के लिए हर महीने 40 से 45 हजार खर्च होता है. जिनके पास पैसे नहीं होते, उन्हें योग्य होने के बावजूद उसी राज्य स्तर पर रहना पड़ता है. अब भी भारोत्तोलन के इस खेल पर कम ही ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन कहते हैं कि 2013 में एक समय ऐसा भी था, जब राज्य की तृणमूल सरकार के खेल मंत्री को भी नहीं पता था कि भारोत्तोलन क्या होता है. मैं 2013 में अपने काम से जुड़ी मदद के लिए तत्कालीन खेल मंत्री के पास गया था. खेल मंत्री जानना चाहते थे कि वेटलिफ्टिंग क्या होती है. उस समय मुझे बहुत गुस्सा आया. लेकिन मुझे उन्हें डेमो दिखाकर दिखाना पड़ा कि वेटलिफ्टिंग क्या होती है. अगर उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है, तो वे कैसे मदद कर सकते हैं? लेकिन अब वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के भारोत्तोलक ही इस खेल को जीवित रखे हुए हैं. इस बार ज़्यादा महिलाओं का इसमें शामिल होना बहुत खुशी की बात है. इस बार इतनी ज़्यादा प्रतियोगी हैं कि इसे एक तरह का चमत्कार ही कहा जा सकता है.
(सुजाता मेहरा की रिपोर्ट)
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