Zimbabwe breaks 129 years old record: जिम्बाब्वे ने न चाहते हुए भी अपने नाम किया 129 साल पुराना रिकॉर्ड! जानिए क्या कहता है यह अनोखा आंकड़ा

हाल ही में ज़िम्बाब्वे ने न्यूज़ीलैंड के साथ एक टेस्ट सीरीज़ खेली. यह दो मैचों की सीरीज़ ज़िम्बाब्वे के खिलाड़ियों के अनुभव के लिए तो अच्छी थी लेकिन इस शृंखला में उन्होंने एक अनचाहा रिकॉर्ड भी बना लिया है.

Zimbabwe's captain Brendan Taylor (2nd R) celebrates with teammates after taking a wicket during the first day of the Test cricket match between Zimbabwe and Bangladesh at the Harare Sports Club in Harare on July 7, 2021.
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

ज़िम्बाब्वे वर्ल्ड क्रिकेट की सबसे मज़बूत टीमों में नहीं गिनी जाती. खेल का कोई भी फॉर्मैट हो, ज़िम्बाब्वे को अंडरडॉग ही माना जाता है. टी20 और वनडे में ज़िम्बाब्वे का रिकॉर्ड बहुत मज़बूत नहीं है इसलिए टीम को टेस्ट क्रिकेट खेलने के मौके भी बहुत कम मिलते हैं.

हाल ही में ज़िम्बाब्वे ने न्यूज़ीलैंड के साथ एक टेस्ट सीरीज़ खेली. यह दो मैचों की सीरीज़ ज़िम्बाब्वे के खिलाड़ियों के अनुभव के लिए तो अच्छी थी लेकिन इस शृंखला में उन्होंने एक अनचाहा रिकॉर्ड भी बना लिया है.

ज़िम्बाब्वे के नाम हुआ 129 साल पुराना रिकॉर्ड
न्यूज़ीलैंड ने इस सीरीज़ में जिम्बाब्वे को 2-0 से तो हराया ही, लेकिन एक रिकॉर्ड भी उसके नाम कर दिया. दरअसल इन दो मैचों में जिम्बाब्वे का कोई भी खिलाड़ी 50 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सका. ऐसा 129 सालों में पहली बार हुआ है कि किसी टीम का कोई खिलाड़ी एक टेस्ट सीरीज में अर्धशतक न बना सका हो.

अगर पहले टेस्ट की बात करें तो तीन साल बाद टीम में वापसी कर रहे शॉन विलियम्स ने दूसरी पारी में 49 रन की पारी खेली थी. यह पूरे सीरीज में जिम्बाब्वे के किसी भी खिलाड़ी का सबसे बड़ा स्कोर था. इसी मैच की पहली पारी में कप्तान क्रेग इर्विन ने 39 रन बनाए जबकि विकेटकीपर तफदवा त्सिगा ने 30 रन की पारी खेली थी.

बात अगर दूसरे मैच की करें तो निक वेल्च दूसरी पारी में 47 रन बनाकर नाबाद रहे लेकिन दूसरे छोर पर उन्हें किसी का साथ नहीं मिला. ब्रेंडन टेलर ने 44 जबकि त्सिगा ने 33 रन का योगदान दिया. 

पहले ऐसा कब हुआ था?
इससे पहले 1895-96 में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच खेली गई तीन मैचों की सीरीज में मेजबान साउथ अफ्रीका ने यह शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया था. उस सीरीज़ में साउथ अफ्रीका के कप्तान और विकेटकीपर बार्बरटन हॉलिवेल ने अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 41 रन बनाए थे.

जिमी सिनक्लेयर ने भी दूसरे टेस्ट में 40 रन की पारी खेली थी. साउथ अफ्रीका ऐसा कई हारों से सीखकर आज एक बेहतरीन टीम बन गई है. शायद ज़िम्बाब्वे भी इन अनुभवों से सीखकर एक वर्ल्ड क्लास टीम बन सकेगी. 

Read more!

RECOMMENDED