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Mobile Charger: कभी न करें नकली चार्जर का इस्तेमाल... वर्ना मोबाइल को होगा भारी नुकसान... चली जा सकती है आपकी जान... ऐसे करें असली की पहचान

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2025,
  • Updated 7:05 PM IST
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चार्जर को लेकर सरकार ने जारी की है चेतावनी 
कभी भी नकली मोबाइल चार्जर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वर्ना आपके मोबाइल को तो भारी नुकसान होगा ही, चार्जर के ओवरहीटिंग होकर ब्लास्ट होने पर आपकी जान भी जा सकती है. सरकार खराब क्वालिटी या नकली चार्जर का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है. कंज्यूमर अफेयर्स विभाग ने जागो ग्राहक जागो हैंडल से पोस्ट कर बताया है कि CRS मार्क वाला चार्जर ही असली और सुरक्षित होता है, चार्जर खरीदते समय इसे जरूर जांचें. आइए जानते हैं आप असली और नकली चार्जर की पहचान कैसे कर सकते हैं?
 

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नकली चार्जर घटा देते हैं बैटरी की सेहत 
नकली चार्जर मोबाइल को तो देर से चार्ज करते ही हैं बैटरी की हेल्थ भी घटाते हैं. नकली चार्जर ओवरहीटिंग बढ़ाते हैं और गंभीर मामलों में शॉर्ट सर्किट या आग लगने की वजह भी बन सकते हैं. सरकार ने कहा है कि उपभोक्ता सिर्फ अच्छी गुणवत्ता वाले और रजिस्टर्ड चार्जर ही खरीदें. इससे न केवल आपका मोबाइल फोन सुरक्षित रहेगा बल्कि आप दुर्घटनाओं से भी बच सकते हैं. 
 

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चार्जर ओरिजिनल है या नहीं
आप जिस चार्जर से आपना मोबाइल चार्ज कर रहे हैं वह ओरिजिनल है या नहीं, इस बात का पता आप सरकारी ऐप से लगा सकते हैं. इस ऐप का नाम BIS Care Mobile App है. इसके माध्यम से आप चंद मिनटों में पता कर  सकते हैं कि आपका मोबाइल चार्जर असली है या नकली. 

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चार्जर खरीदने के दौरान R-number जरूर करें चेक
हमारे देश में बिकने वाले हर BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) प्रमाणित चार्जर पर एक यूनिक कोड होता है, जिसे R-number कहा जाता है. यदि आप नया चार्जर खरीद रहे हैं तो सबसे पहले उस पर प्रिंट किया हुआ R-नंबर जरूर चेक करें.  इस R-number पर निर्माता (मैन्युफैक्चरर ) का नाम, मॉडल नंबर, निर्माण का देश, BIS की अप्रूवल स्थिति जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं. इस कोड जरिए आप तुरंत जांच सकते हैं कि आपका चार्जर ओरिजिनल है या नहीं.

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मोबाइल चार्जर को BIS Care ऐप से ऐसे करें चेक 
आपको सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में BIS Care ऐप डाउनलोड करना होगा. इसके बाद ऐप ओपन करें. फिर होम स्क्रीन पर उपलब्ध ‘Verify R Number’ वाली ऑप्शन पर क्लिक करें. अब चार्जर पर छपा R-number ऐप के सर्च बॉक्स में टाइप या पेस्ट कर क्लिक करें. कुछ ही सेकेंड में ऐप आपको बताएगा कि वो कोड वैलिड है या नहीं. इसके साथ ही प्रोडक्ट के ब्रांड का नाम और सर्टिफिकेशन संबंधी जानकारी भी दिख जाएगी.
 

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इन जगहों से न खरीदें चार्जर 
सस्ते के चक्कर में कभी भी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या सड़कों पर बिकने वाले मोबाइल चार्जर न खरीदें क्योंकि ये असली नहीं होते हैं. असली चार्जर के पैकेट पर हमेशा CRS या BIS का निशान होता है. यदि किसी चार्जर पर ये निशान न दिखे तो ऐसे चार्जर को न खरीदें. 
 

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मोबाइल चार्जर का इस्तेमाल करते समय बरतें ये सावधानियां
मोबाइल चार्जर का इस्तेमाल करते समय कुछ विशेष सावधानियों को ध्यान रखना चाहिए. आपको मालूम हो कि मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में इन दिनों लीथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. ये बैटरी काफी ज्वलनशील होती हैं और शॉर्ट सर्किट होने पर ब्लास्ट कर जाती हैं. ऐसे में आप अपने मोबाइल को कंपनी के साथ दिए गए कम्पैटिबल या ओरिजीनल चार्जर से ही चार्ज करें. मोबाइल को किसी डुप्लीकेट या अन्य ब्रांड के चार्जर से चार्ज न करें. मोबाइल फोन को काफी देर तक चार्ज में लगाकर कभी भी नहीं रखना चाहिए. इतना ही नहीं जिस इलेक्ट्रिक बोर्ड में आप चार्जर लगा रहे हो उसमें कोई भी लूज कनेक्शन नहीं होना चाहिए.