एआई लगभग अब हर क्षेत्र में अपने पैर पसार रहा है. फिर चाहे वह वीडियो प्रोडक्शन हो या कंटेंट राइटिंग जैसे काम हो. यहां तक कि चैट जीपीट और जेमिनि जैसे चैटबॉट आपकी पर्सनल ज़िंदगी में भी काफी मदद करते हैं. जैसे बेसिक बेबी केयर टिप्स, फूड रेसिपी आदि. यहां तक एआई आपकी सैलेरी को लेकर भी एक फाइनेंशियल एडवाइज़र का काम कर सकता है.
कैसे बन सकता है फाइनेंशिय एडवाइज़र
- एआई के कई ऐसे टूल्स मौजूद हैं जो आपको बताएं कि सैलेरी के कितने हिस्से को खर्च के लिए रखें और कितना फीसज निवेश करें.
- निवेश के तौर पर भी बता सकता है कि किस प्रकार से फायदा मिलेगा और क्या रिस्क हैं.
- आपको आपके दैनिक या मासिक खर्च को लेकर एक प्लान तैयार करने में मदद करता है.
- रिटायरमेंट को लेकर भी बताता हैं कि कैसे रिटायरमेंट प्लान तैयार किया जाए.
- सैलेरी को लेकर ईएमआई का एलोकेशन कैसे किया जाए, यह भी बताने में सक्षम है.
दैनिक खर्चों को कर सकता है ट्रैक
एआई के कई ऐसे टूल मौजूद है जिसके आप अपने खर्चों को ट्रैक कर सकते हैं. जिसके बाद महीने के अंत में आपको यह पता लगेगा कि किस जगह आपने फिजूल खर्ची की. साथ ही आपकी सैलेरी का कितना हिस्सा किन-किन खर्चों में गया. जैसे वाई-फाई, लैंडलाइन, ओटीटी, बिजली बिल आदि.
कहां है एआई की कमी
- एआई हर किसी के लिए अलग-अलग प्लान तैयार करने में सक्षम नहीं है.
- एआई ह्यूमन फीलिंग नहीं समझता. उदहारण के तौर पर किसी को कितने रुपए का गिफ्ट दें.
- एमरजेंसी आने पर एआई का बनाया प्लान पत्तों की तरह बिखर सकता है.
- बच्चों की शिक्षा को किस राह में प्लान करना हैं, यह एआई कभी नहीं समझ पाएगा.
- एआई निवेश करने के तरीके बता सकता है, लेकिन मुनाफा होगा या नुकसान. यह कभी नहीं बता सकता.