जानिए कितने करोड़ में बिका Apple का 45 साल पुराना कंप्यूटर, Steve Jobs ने खुद अपने हाथों से बनाई थी ये खास मशीन

45 साल पहले बने इस कंप्यूटर का डिज़ाइन और टेस्ट वोज्नियाक और स्टीव जॉब्स ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर किया था. इस कंप्यूटर को सबसे पहले कैलिफोर्निया के Chaffey College में इलेक्ट्रॉनिक्स के एक प्रोफेसर ने खरीदा था. और इसीलिए इसे "Chaffey College Apple-1" के नाम से भी जाना जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST
  • ये कंप्यूटर शुरुआत में बनें 200 कंप्यूटर में से एक है
  • लगभग 3 करोड़ रुपये में बेचा गया है कंप्यूटर
  • Chaffey College Apple-1 के नाम से भी जाना जाता है

टेक कंपनी एप्पल (Apple) के ओरिजिनल कम्प्यूटर की नीलामी हो गयी है. मंगलवार को अमेरिका में नीलामी में इसे 400,000 डॉलर यानि लगभग 3 करोड़ रुपयों में बेचा गया है. 45 साल पहले बने इस कंप्यूटर का डिज़ाइन और टेस्ट वोज्नियाक और स्टीव जॉब्स ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर किया था. आपको बता दें एपल-1 नाम के इस कम्प्यूटर की नीलामी कैलिफोर्निया में हुई है. 

सबसे पहले खरीदा था Chaffey College के प्रोफेसर ने 

इस कंप्यूटर को सबसे पहले कैलिफोर्निया के Chaffey College में इलेक्ट्रॉनिक्स के एक प्रोफेसर ने खरीदा था. और इसीलिए इसे "Chaffey College Apple-1 के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि बाद में प्रोफेसर ने इस कम्प्यूटर को 1977 में अपने एक छात्र को बेच दिया था. जानकारी के अनुसार इस छात्र ने यह कम्प्यूटर तह केवल 650 डॉलर (करीब 48 हजार रुपये) में खरीदा था. लेकिन अब इस कंप्यूटर को 3 करोड़ में बेचा गया है.

शुरुआत में बनाए गए थे 200 कंप्यूटर

बता दें, ये कंप्यूटर उन 200 कंप्यूटर में से एक है जिन्हें शुरुआत के समय में स्टीव जॉब्स ने खुद बनाया था. ये कम्प्यूटर एक विशेष किस्म के फ्रेम में आता है, जिसके लिए कोवा लकड़ी का इस्तेमाल होता है. कंपनी ने एपल-1 को मूल रूप से कंपोनेंट पार्ट के रूप में बेचा था. Apple-1 कंप्यूटर शुरुआत में बनाई गयी उन 60 मशीनों में से एक है और इसमें से 20 ऐसे हैं जो अभी भी काम कर रहे हैं. 

अपनी मृत्यु से पहले स्टीव जॉब्स ने किया था आईपॉड और आईफोन लॉन्च  

गौरतलब हो कि साल 1970 के आखिर में एप्पल को लोग जानने लगे और उसने सफलता हासिल की. हालांकि कुछ कारणों से 1990 के दशक के आखिर में कंपनी को फिर से मजबूत किया गया, और जॉब्स को चीफ एग्जीक्यूटिव के रूप में लाया गया. आपको बता दें, 2011 में स्टीव जॉब्स ने अपनी मृत्यु से पहले आईपॉड और बाद में आईफ़ोन के लॉन्च की टेस्टिंग की थी.

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