चीन के पॉपुलर शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म टिकटॉक, जिसे भारत में 5 वर्ष पहले बैन कर दिया गया था. वह शुक्रवार शाम 5 बजे अनब्लॉक कर दी गई. साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट अलीएक्सप्रेस और शीन का वेब पेज भी ओपन हो रहा है. दरअसल साल 2020 में भारत-चीन के बीच रिश्तों में तनाव के चलते इन पर बैन लगाया गया था. लेकिन सवाल उठता है कि क्या भारत में यूजर इनका इस्तेमाल कर पा रहे हैं?
केवल वेबसाइट हो रही एक्सेस
यूजर्स अपने मोबाइल और लैपटॉप पर केवल इन प्लेटफॉर्म्स की वेबसाइट के सिर्फ होम पेज को देख पा रहे हैं. बात टिकटॉक और अलीएक्सप्रेस के ऐप की करें तो यह फिलहाल गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर पर अवेलेबल नहीं है. लेकिन आप शीन के ऐप को इन्सटॉल कर सकते हैं.
क्या कहना है टिकटॉक का?
टिकटॉक की पेरेंट कंपनी बाइटडांस की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. फिलहाल इस बात की कोई वजह पता नहीं है कि आखिर वेबसाइट क्यों खुली, या फिर टिकटॉक वापस आएगा या नहीं? समाचार एजंसी एएनआई का कहना है कि सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने टिकटॉक के लिए कोई अनब्लॉकिंग आदेश जारी नहीं किया है.
क्यों लगाया गया चीन ऐप पर बैन
भारत में चीन द्वारा बनाए गए ऐप मोबाइल पर चलाए जाते थे. लेकिन 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद टिकटॉक, विचैट और हेलो जैसे करीब 59 चीनी ऐप पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया था. बैन से कुछ महीने पहले, भारत द्वारा चाइनीज़ कंपनियों के निवेश पर भी प्रतिबंध लगाया था.
ऐप के उपर प्रतिबंध लगाने की मुख्य वजह थी डेटा का लीक होना. दरअसल जिस तरह भारतीय इन चाइनीज़ ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे. उससे भारतीय डेटा चीन के सर्वर पर पहुंच रहा था. जिसमें कई लोकेशन, फोटो, वीडियो आदि शामिल होती थी. इस डेटा का एक्सेस चीन को मिल जाता था. जाहिर सी बात है कि डेटा का गलत इस्तेमाल करना कोई मुश्किल काम नहीं है. सर्वर पर पहुंचा यह डेटा चीन सरकार के पास पहुंचता था. जिससे डेटा के लीक होने और गलत तरीके से इस्तेमाल होने का खतरा बढ़ता था. इस कारण भारत ने चीन के ऐप पर प्रतिबंध लगाया था.
भारत से हुआ चीन को नुकसान
भारत में चीन के ऐप बैन होने की वजह से इसकी पेरेंट कंपनी बाइटडांस को रोज 5 लाख डॉलर (3.50 करोड़ रुपए) का नुकसान हो रहा है. मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि टिकटॉक की डाउनलोडिंग पर रोक लगाई जाए, इसपर अश्लील कंटेंट को अपलोड किया जा रहा है, जो समाज के हित में नहीं है. जिसके बाद सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एप्पल और गूगल को अपने ऑनलाइन स्टोर से टिकटॉक ऐप को हटाने के निर्देश दिए गए. जिसके हाद दोनों कंपनियों ने ऐप को स्टोर से हटा दिया. उस समय देश में टिकटॉक के 24 करोड़ यूजर थे.