IIT Guwahati: वैज्ञानिकों का कमाल! नई तकनीक का ईजाद, 20 रुपए में शुद्ध होगा 1000 लीटर पानी

Water Purification Technology: आईआईटी गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से सिर्फ 20 रुपए खर्च करके 1000 लीटर भूजल को पीने लायक बनाया जा सकता है. इस तकनीक से रोजाना 20 हजार लीटर पानी पीने लायक बनाया जा सकता है.

Water Purification Technology (Photo/Meta AI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

इस समय पीने की पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. लोगों को साफ पानी पीने के लिए नहीं मिल रही है. पीने योग्य जल की समस्या विकराल रूप लेने लगी है. लेकिन इस समस्या का समाधान आईआईटी गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक का ईजाद किया है. जिसकी मदद से काफी कम कीमत में ज्यादा पानी को पीने लायक बनाया जा सकता है.

IIT गुवाहाटी के वैज्ञानिकों का कमाल-
आईआईटी गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने कमाल कर दिया है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों की कोशिश से अब पीने योग्य पानी की समस्या का समाधान हो सकता है. गरीब से गरीब लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिल सकता है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जिसकी मदद से भूजल को पीने लायक बनाया जा सकता है. ये तकनीक काफी सस्ती और असरदार है.

20 रुपए में बनाएगा 1000 लीटर पीने लायक पानी-
वैज्ञानिकों की ये खास तकनीक काफी सस्ती है. इसकी मदद से सिर्फ 20 रुपए खर्च करके 1000 लीटर भूजल को पीने योग्य बनाया जा सकता है. यह सिस्टम 94 फीसदी आयरन और 89 फीसदी फ्लोराइड को हटाकर पानी को पूरी तरह से सुरक्षित बनाता है. इस तकनीक से रोजाना 20 हजार लीटर पानी साफ किया जा सकता है.

इन वैज्ञानिकों ने किया विकसित-
इस कमाल की तकनीक को आईआईटी गुवाहाटी के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर मिहिर कुमार पुरकैत की टीम ने तैयार किया है. इस टीम में डॉ. अन्वेषण, डॉ. पियाल मंडल और मुकेश भारती शामिल हैं. आपको बता दें कि भूजल में फ्लोराइड प्राकृतिक या इंसानी गतिविधियों की वजह से पहुंचता है. अगर पानी में ज्यादा फ्लोराइड है और इंसान उसे पीता है तो उसे स्केलेटल फ्लोरोसिस नाम की बीमारी हो सकती है. उससे जोड़ों में दर्द होता है और हड्डियां सख्त हो जाती हैं.

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