ऑफिस में छुट्टी के लिए बॉस से बहस, देर रात तक काम करने का प्रेसर और बॉस क्या कहेंगे वाला डर... आज की नौकरी में ये सब आम हो गया है लेकिन कई बॉसेस ऐसे भी होते हैं जो अपनी एम्प्लॉइज के बारे में भी उतना सोचते हैं. मामला अमेरिका की कंपनी Leadership EQ का है.
Leadership EQ की CEO और फाउंडर डॉ. ब्रिजेट हायसिंथ ने ने अपने एक कर्मचारी को बिना कोई सवाल के दो महीने का वर्क फ्रॉम फॉरन दे दिया. उन्होंने इम्प्लॉई के साथ की गई बातचीत को सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
कोई जरूरत नहीं बताने की, बस काम ठीक से करो
डॉ. हायसिंथ ने अपनी पोस्ट में लिखा कि एक कर्मचारी ने उनसे पूछा कि क्या वह दो महीने के लिए किसी और देश से काम कर सकती है? उन्होंने बिना झिझक हां कह दिया. कर्मचारी चौंक गया और पूछा, 'आप वजह नहीं पूछेंगी?'
इसपर CEO हायसिंथ ने जवाब दिया, 'नहीं. तुम्हें अपनी पर्सनल बातें शेयर करने की जरूरत नहीं है. बस मुझे बताओ कि तुम्हें अपने काम में सफल होने के लिए क्या चाहिए. और मैं तुम्हारे लिए मौजूद रहूंगी.'
ऑफिस आना है तो ठीक, नहीं आना है तो भी ठीक
डॉ. हायसिंथ ने आगे लिखा, "हम सब एडल्ट हैं. तुम्हें जैसे काम करना है, वैसे करो, ऑफिस से, घर से या विदेश से. सुबह 9 से 5 करना है तो करो, जल्दी निकलना है तो निकलो. मैं नतीजों को देखती हूं, न कि ये कि तुम कहां से बैठकर काम कर रहे हो."
डॉ. हायसिंथ की ये सोच सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. बहुत से लोगों ने कहा कि काश हर दफ्तर में ऐसे ही समझदार और इंसानियत वाले बॉस हों.
हमने ऑफिस को बच्चों जैसा बना दिया है
CEO का कहना है कि आजकल ऑफिस कल्चर इतना सख्त हो गया है कि लोग अपनी निजी जिंदगी के लिए माफी मांगते फिरते हैं. उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने छुट्टी मांगी, या ऑफिस से बाहर से काम करने की बात की, तो उन्हें जवाब देना पड़ेगा.
उन्होंने लिखा, "वर्कप्लेस को इतना कंट्रोलिंग बना दिया गया है कि हर कर्मचारी खुद को छोटा महसूस करता है. पर काम का असली पैमाना होना चाहिए रिजल्ट."
सोशल मीडिया पर तारीफों की बाढ़
इस पोस्ट पर हजारों लोगों ने कमेंट किए. एक यूजर ने लिखा- "दुनिया को आपके जैसे मैनेजर की जरूरत है!"
एक और ने कहा, "ऐसी सोच ही असली लीडरशिप है, जहां कर्मचारियों पर भरोसा किया जाता है."
एक ने लिखा, "जब कर्मचारी को अपनी निजी जिंदगी छुपानी न पड़े, तब वो अपने काम में सबसे अच्छा परफॉर्म करता है."