युनाइटेड नेशन में पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने अपने आत्मविश्वास से सबका ध्यान खींचा. लेकिन पेशेवर सख़्ती के पीछे उनका व्यक्तित्व बेहद संवेदनशील, रचनात्मक और जीवंत है.
संगीत से रखती है गहरा जुड़ाव
2015 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अफसर पेटल को संगीत से खासा लगाव है. वे अक्सर सोशल मीडिया पर गिटार बजाते और गाते हुए वीडियो साझा करती हैं. यही वजह है कि लोग उन्हें प्यार से ‘गिटार डिप्लोमैट’ कहते हैं. हिंदी, अंग्रेजी, इटैलियन और फ्रेंच जैसी भाषाओं पर भी उनकी पकड़ मजबूत है.
साड़ी से आत्मविश्वास तक का सफर
पेटल साड़ी पहनने की बेहद शौकीन हैं. उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में संगीत समूह के कार्यक्रमों में साड़ी पहनना अनिवार्य था, जो उस वक्त केवल एक ड्रेस कोड था. लेकिन समय के साथ यह उनकी पहचान और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया.
नस्लवाद का अनुभव
विदेश में रहने के दौरान पेटल ने नस्लवाद का सामना भी किया. अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा कि यूरोप में कई बार उनकी ‘ब्राउन स्किन’ को लेकर भेदभाव हुआ. ऐसी स्थितियों में सही प्रतिक्रिया देना कठिन हो जाता है और अक्सर इंसान चुप रह जाता है.
छोटा सा हादसा हमेशा के लिए बसा जहन में
2018 में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान वे एक छोटे हादसे का शिकार हुईं. ऑडिटोरियम में लौटते समय उनकी साड़ी फंस गई और वे गिर पड़ीं. आसपास मौजूद विश्व नेता और कारोबारी इसे देख रहे थे. आज भी वह उस क्षण को याद कर हैरान हो जाती हैं, हालांकि उन्होंने इसे सहजता से स्वीकार किया.
पिता से विरासत में मिला संगीत प्रेम
पेटल के पिता संजय गहलोत भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रह चुके हैं और खुद भी संगीतकार हैं. उनका पहला ऐल्बम “बहकी इस रात में” 2007 में आया था. कोविड-19 के दौरान पिता-पुत्री की जोड़ी ने कई गाने गाए, जिनमें “बेला चाओ”, “लॉस्ट ऑन यू” और “कबीरा” काफी चर्चित हुए.
प्रकृति और दोस्ताना स्वभाव
पेटल को प्रकृति से बेहद लगाव है. अपने सहकर्मियों के साथ उनका रिश्ता दोस्ताना रहता है और वे टीम को हमेशा अहमियत देती हैं. मीटिंग्स के दौरान उनका शांत और मिलनसार स्वभाव दूसरे देशों के डिप्लोमैट्स को भी सहज कर देता है.
शिक्षा और करियर की यात्रा
दिल्ली में जन्मीं पेटल ने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. बाद में अमेरिका के मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से भाषा अनुवाद और व्याख्या में मास्टर डिग्री प्राप्त की.
2015 में आईएफएस में शामिल होने के बाद उन्होंने यूरोप वेस्ट डिवीजन में उप-सचिव (2020-23) के रूप में काम किया. पेरिस और सैन फ्रांसिस्को मिशन में भी अपनी सेवाएं दीं. जुलाई 2023 में वे संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रेटरी नियुक्त हुईं.