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110 साल पुराना Rupee Co-operative Bank आज से होगा बंद, जानिए कस्टमर्स के पैसे का क्या होगा

अगर आपका भी रुपी सहकारी बैंक (Rupee Co-operative Bank) के अंदर खाता है और आपने अपनी सेविंग उस बैंक अकांउट में जमा किया है तो सावधान हो जाइए. क्योंकि अब आप अपनी सेविंग को नहीं निकाल सकते हैं. बता दें कि रिजर्व बैंक ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से इस बैंक को बंद करने के निर्देश दिए हैं.

आज से बंद हो जाएगा रुपी सहकारी बैंक आज से बंद हो जाएगा रुपी सहकारी बैंक
हाइलाइट्स
  • रिजर्व बैंक ने अगस्त में बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया

  • ग्राहकों को DICGC की तरफ से 5 लाख रुपये तक मिलेगा क्लेम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त में रुपी सहकारी बैंक (RCB) पुणे का लाइसेंस रद्द कर दिया था. सितंबर 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में, आदेश 22 सितंबर यानि आज से प्रभावी होगा. जिसका अर्थ है कि आज से बैंक बैंकिंग सेवाओं को जारी रखना बंद कर देगा. लाइसेंस की समाप्ति के कारण अब बैंक को परिचालन शुरू होने के 110 साल बाद बैंकिंग गतिविधियों में संलग्न होने की अनुमति नहीं है.

इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैंक को बंद होने से रोकने के लिए आरसीबी कर्मचारी संघों के प्रयासों के बावजूद निवेशकों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था, जिसमें कानूनी आवेदन और प्रशासनिक अपील शामिल है. जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले पुणे का दौरा किया, तो आरसीबी निवेशकों ने उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि वह मामले को देखेगीं.

इन कारणों से बैंक हुआ बंद

बता दें कि रिजर्व बैंक ने अगस्त में बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था. क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं थीं और उसने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं किया था.

आरबीआई का मानना ​​​​था कि बैंक का निरंतर अस्तित्व उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक होगा. आरबीआई के अनुसार, बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरी तरह से प्रतिपूर्ति नहीं कर पाएगा.आरबीआई ने आगे कहा कि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय का संचालन जारी रखने की अनुमति देना जनहित के लिए हानिकारक होगा.

खाताधारकों के पैसा का अब क्या होगा?

आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंकों में ग्राहकों के 5 लाख रुपये तक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर होता है. जिन भी ग्राहकों के पैसे रुपी सहकारी बैंक में जमा हैं, उन्हें 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर बीमा कवर का लाभ मिलेगा. ये बीमा इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की तरफ से मिल रहा है. बता दें कि DICGC भी रिजर्व बैंक की एक सब्सिडियरी है. ये को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. जिन लोगों का 5 लाख रुपये तक का फंड रुपी सहकारी बैंक में जमा है, उसे DICGC की तरफ से पूरा क्लेम मिलेगा. वहीं अगर जिन ग्राहकों के अकाउंट में 5 लाख रुपये से ज्यादा की राशि है तो वो नहीं मिलेगी. सीधे शब्दों में कहें तो 5 लाख रुपये तक की रकम नहीं डूबेगी. DICGC केवल 5 लाख तक के रकम की ही भरपाई करेगी.

बता दें कि स्वर्गीय गोविंदराव धरप, स्वर्गीय केशवराव डोके और स्वर्गीय कालूरामभाऊ नाइक इसके संस्थापक सदस्य थे. बैंक ने 1988 में अनुसूचित दर्जा हासिल किया और 1986 से 1987 तक अपनी प्लेटिनम जयंती मनाई.