
Two Tax Slabs: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में निर्णय लिया गया कि अब सिर्फ 5% और 18% वाले दो स्लैब होंगे. इससे कई चीजें सस्ती होंगी, जिससे आम आदमी को फायदा होगा. नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. GST काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े ऐलान किए. वित्त मंत्री ने कहा कि हर राज्य के वित्त मंत्री ने इस जीएसटी सरलीकरण को पूरा समर्थन दिया है.
12 और 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब खत्म
अब 12 और 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब को खत्म कर दिया गया है. इनमें शामिल अधिकांश चीजें दो टैक्स स्लैब के अंदर आ जाएंगी. 12 फीसदी स्लैब में शामिल करीब 99 फीसदी सामानों को 5% के स्लैब में डाला जा सकता है, जबकि 28% स्लैब के जीएसटी स्लैब में शामिल चीजों को 18% के स्लैब में लाया जा सकता है.
पीएम मोदी ने जीएसटी में संसोधन की कही थी बात
सिर्फ दो जीएसटी स्लैब रखने का मकसद टैक्स प्रणाली को आसान और पारदर्शी बनाना है, जिससे कारोबारियों और आम जनता दोनों को राहत मिलेगी. गौरतलब हो कि इससे पहले 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से जीएसटी में संसोधन की बात कही थी. इसके बाद सरकार ने जीएसटी की दो मुख्य दरें तय करने का प्रस्ताव रखा था. इसमें पहला पांच फीसदी और दूसरा 18 फीसदी. वहीं इसके अलावा, लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं (जैसे शराब, तंबाकू आदि) पर 40 प्रतिशत का विशेष कर लगाने का प्रस्ताव था.
राजस्व पर पड़ेगा असर
सिर्फ दो जीएसटी स्लैब रखने के फैसले से केंद्र और राज्यों के राजस्व पर असर पड़ेगा. बैठक में केंद्र सरकार ने बताया कि जीएसटी के स्लैप घटने से 93 हजार करोड़ का कुल रिवेन्यू लॉस होगा, लेकिन 40% स्लैब से करीब 43000 करोड़ की कमाई भी होगी. पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि यह घाटा केंद्र और राज्यों के बीच साझा रूप से महसूस किया जाएगा.
5 प्रतिशत कर के स्लैब में रखने का निर्णय
जीएसटी परिषद ने बुधवार को 2500 रुपए तक की कीमत वाले फुटवियर एवं परिधानों को 5 प्रतिशत कर के स्लैब में रखने का निर्णय लिया. अभी तक केवल 1000 रुपए तक की कीमत वाले जूते-चप्पल एवं परिधान पर ही 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, जबकि इससे अधिक कीमत वाले उत्पादों पर 12 प्रतिशत कर लगाया जाता था.
इन चीजों के घटेंगे दाम
पैकेज्ड दूध प्रोडक्ट्स, ब्रांडेड मिठाइयां, चॉकलेट, पेस्ट्री, आइसक्रीम, नमकीन, बिस्कुट, स्नैक्स, खाना पकाने के तेल, चीनी, चाय, खाखरा, चपाती, रोटी, पिज्जा, ब्रेड, फ्रोजन पराठा, कपड़े और जूते, AC, 32 इंच से बड़े टीवी, डिशवॉशर, मोबाइल फोन,रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन आदि की कीमतें घट सकती हैं. इससे आम आदमी को काफी फायदा होगा.
जीएसटी को 18% से घटकर किया गया 5%
अब हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, टूथ ब्रश और शेविंग क्रीम पर जीएसटी 18% से घटकर 5% हो गया है. ट्रैक्टर टायर और पार्ट्स, ट्रैक्टर, बायो-पेस्टिसाइड्स, माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और स्प्रिंकलर्स, खेती और वानिकी के लिए मशीनों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है. हेल्थ सेक्टर में अब हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. थर्मामीटर, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स और चश्मों पर टैक्स घटाकर 5% किया गया है.
अब 33 जीवन रक्षा दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा. जबकि अब तक इनसे 12 फीसदी टैक्स लिया जाता था. शिक्षा से जुड़ी चीजों को भी जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है. मैप्स, चार्ट्स, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन्स, नोटबुक और इरेजर पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा. वाहनों पर भी टैक्स कम हुआ है. पेट्रोल, डीजल और सीएनजी हाइब्रिड कारें, तीन पहिया वाहन, 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और माल ढुलाई वाले वाहनों पर जीएसटी 28% से घटकर 18% कर दिया गया है.
पान मसाला, सिगरेट, गुटखा के बढ़ेंगे दाम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एक स्पेशल 40 फीसदी का स्लैब भी रखा गया है, जिसमें हानिकारक और विलासितापूर्ण सुपर लग्जरी सामान शामिल हैं. इनमें पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, बीड़ी, अन्य तंबाकू प्रोडक्ट के साथ ही फ्लेवर्ड शुगर कैफिनेटेड-कर्बोनेटेड पेय पदार्थों के साथ ही प्राइवेट जेट पर भी इस दर से जीएसटी लागू होगा.
क्या है GST
GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है. इस टैक्स को 1 जुलाई 2017 को पूरे भारत में लागू किया गया था. यह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर सामूहिक रूप से लगाया जाने वाला एक मूल्य वर्धित कर (वैट)है. ।