
टैक्सपेयर्स (Taxpayers) आपको मालूम हो कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) भरने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है. इसके बाद आईटीआर भरने पर आपको फाइन देना पड़ेगा. आप ITR भरने की सोच रहे हैं तो हम बता रहे हैं इसके लिए कौन-कौन डॉक्यूमेंट्स चाहिए. आप इन दस्तावेजों को एकत्र कर तुरंत आईटीआर दाखिल कर दीजिए. आप पहले आईटीआर दाखिल करेंगे तो आपके बैंक खाते में रिफंड का पैसा भी जल्दी आएगा. इतना ही नहीं यदि आईटीआर दाखिल करने में कोई गलती हो गई है तो आप समय रहते उसमें सुधार कर सकते हैं.
कितने प्रकार के होते हैं आईटीआर फॉर्म
1. आपके डॉक्यूमेंट्स इस बात की भी जानकारी देते हैं कि आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना चाहिए.
2. सात प्रकार के आईटीआर फॉर्म होते हैं. ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7.
3. टैक्सपेयर को अपने काम और इनकम के आधार पर ITR फॉर्म का सही चुनाव करना होता है.
4. आपके डॉक्यूमेंट्स आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपकी उपलब्ध जानकारी को क्रॉस-चेक करने में मदद करते हैं.
5. आईटीआर फॉर्म 26AS, एनुअल इंर्फामेशन स्टेटमेंट के साथ TDS सर्टिफिकेट में इनकम और टैक्स के बारे में जानकारी को क्रॉस चेक करके भरा जाता है.
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
1. फॉर्म 16.
2. कैपिटल गेन स्टेटमेंट.
3. AIS और फॉर्म 26AS.
4. आधार और पैन कार्ड.
5. बैंक अकाउंट डिटेल.
6. टीडीएस सर्टिफिकेट.
7. टैक्स डिडक्शन के दावे के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ.
8. बैंकों और डाकघरों से मिले ब्याज का प्रूफ.
9. छूट क्लेम करने के लिए डोनेशन किया है तो उसकी रसीद.
10. स्टॉक ट्रेडिंग स्टेटमेंट.
11. इंश्योरेंस पॉलिसी की रसीद.
12. आधार से वैलिडेट बैंक खाता.
13. बैंक से लिया ब्याज सर्टिफिकेट सहित निवेश के अन्य डॉक्यूमेंट्स.
फॉर्म 16
कर्मचारियों को कंपनियां फॉर्म 16 जारी करती हैं. इसमें सैलरी क्लास यानी नौकरीपेशा व्यक्ति की सालाना आय और उस पर काटे गए टैक्स का लेखा-जोखा होता है. फॉर्म 16 आईटीआर दाखिल करने के लिए जरूरी दस्तावेजों में से एक है. फॉर्म 16 में एक वित्तीय वर्ष के दौरान वेतन से काटा गया और सरकार के पास जमा किया गया टैक्स शामिल होता है. आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act, 1961) के तहत कंपनी के लिए उन कर्मचारियों के लिए फॉर्म 16 को जारी करना अनिवार्य किया गया है, जिनकी सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है
फॉर्म 16 ए और फॉर्म 16बी
फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं. फॉर्म 16 भाग ए और फॉर्म 16 भाग बी. भाग ए में कंपनी या संस्थान का टैन नंबर, कर्मचारी का पैन नंबर, नाम, पता, एसेसमेंट ईयर, रोजगार की अवधि और सरकार को जमा किए गए टीडीएस का संक्षिप्त ब्योरा होता है.
भाग बी में विस्तृत जानकारी होती है. इसमें कर्मचारी की कुल सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस, भविष्य निधि योगदान, टीडीएस, प्रोफेशनल टैक्स और सेक्शन 80C, 80D आदि के तहत की गई कटौती के बारे में जानकारी होती है. इसमें Income Tax Act, 1961 के चैप्टर VI A के तहत दावा की गई कोई भी छूट या भुगतान किया गया टैक्स फंड के साथ बकाया टैक्स फंड की राशि की जानकारी और टैक्स रिफंड की जानकारी दर्ज होती है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय यह हिस्सा सबसे ज्यादा काम आता है.
कैपिटल गेन स्टेटमेंट
यदि आप म्यूचुअल फंड, इक्विटी या कोई अन्य फाइनेंशियल कैपिटल असेट बेचते हैं तो इसकी डिटेल आईटीआर में भरनी होती है. इसके लिए कैपिटल गेन स्टेटमेंट रिपोर्ट जरूरी होती है. इस रिपोर्ट को आप स्टॉकब्रोकर और म्यूचुअल फंड हाउस से ले सकते हैं.
फॉर्म 26AS और AIS
आईटीआर दाखिल करने के लिए 26AS और AIS महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. आप इनकम टैक्स की वेबसाइट से फॉर्म 26AS डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म 26AS में टीडीएस, टीसीएस और विभिन्न आय स्रोतों से प्राप्त इनकम की जानकारी होती है. आप एनुअल इनफॉरमेशन सिस्टम (AIS) के माध्यम से भी आईटीआर भर सकते हैं. AIS में आपके सभी वित्तीय गतिविधियां जैसे सैलरी से आय, ब्याज से आय, स्टॉक मार्केट के लेनदेन, टीडीएस और टीसीएस की जानकारी होती है.
निवेश वाले डॉक्यूमेंट
यदि आपने विदेश से कमाई की है या अनलिस्टेड मार्केट में निवेश करके कमाई की है तो इस आमदन को आपको अपने आईटीआर में दिखाना होगा. याद रखें कि आपका विदेश में बैंक अकाउंट है और विदेश से पैसा आ रहा है तो उसकी डिटेल आईटीआर में जरूर दें.
बैंक स्टेटमेंट
यदि बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस से आपको इनकम हो रही है तो ऐसे में अपने बैंक स्टेटमेंट को डाउनलोड़ करके अपने पास रख लें. आईटीआर भरते वक्त इसे चेक कर लेना चाहिए.
टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंडेचर प्रूफ
किसी भी करदाता के पास ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प होता है. ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंडेचर को दिखा सकते हैं. ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत सेक्शन 80C, 80CCD (1B), 80D, 80DD और 80TTA के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. हाउस रेंट और ट्रैवेल पर खर्च के लिए भी छूट क्लेम कर सकते हैं.
आधार कार्ड, पैन और बैंक अकाउंट
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट की डिटेल देनी आवश्यक होती है. टैक्स डिडक्शन के दावे के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ, बैंकों और डाकघरों से मिले ब्याज का प्रूफ, छूट क्लेम करने के लिए डोनेशन किया है तो उसकी रसीद, इंश्योरेंस पॉलिसी की रसीद, बैंक से लिया ब्याज सर्टिफिकेट आटीआर भरते समय अपने पास जरूर रख लें.